- यूपी बोर्ड एग्जाम को लेकर शासन ने दिखाई सख्ती

- डीआईओएस ने व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के जारी किए निर्देश

BAREILLY:

यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के एग्जाम के नजदीक आते ही शासन और प्रशासन हरकत में आने लगे हैं। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए शासन गंभीर है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से जिन स्कूलों को सेंटर बनाया गया है, वहां के प्रिंसिपल को अपने स्कूल में सुविधाओं का प्रमाण पत्र देना होगा जिसके बाद ही उनका वेतन रिलीज किया जाएगा। इसके लिए डीआईओएस ने एग्जाम सेंटर बनाए गए कॉलेज और लेखा विभाग को नोटिस जारी कर दिया है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस में डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश

दरअसल 28 नवम्बर को डिप्टी सीएम की वीडियो कॉन्फ्रेंस हुई थी। जिसमें डिप्टी सीएम ने सभी डीआईओएस को सख्त आदेश दिए कि जिस भी स्कूल में सीसीटीवी और वायस रिकॉर्डर न हों वहां के प्रिंसिपल का दिसम्बर महीने का वेतन रोक लिया जाए।

हर तरफ लगे होने चाहिए कैमरे

शासन की ओर से पहले ही आदेश जारी कर दिए गए थे कि बोर्ड एग्जाम के लिए जिस भी स्कूल को सेंटर बनाया जाएगा उनमे सभी सुविधाएं होना अनिवार्य है। साथ ही सीसीटीवी कैमरे के साथ वॉयस रिकॉर्डर होना जरूरी है।

इन जगहों पर जरूर लगे हों सीसीटीवी कैमरे

- परीक्षा कक्ष में दोनों साइड वॉयस रिकॉर्डर के साथ कैमरे लगे होना जरूरी

- एग्जाम सेंटर के मेन गेट पर लगा होना जरूरी

- जिस जगह पर क्वेश्चन पेपर को खोला जाएगा उस जगह भी

- एंट्री करते वक्त कॉलेज की गैलरी में

- इसी तरह स्कूल में अन्य जरूरी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगा होना जरूरी है।

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में आदेश जारी हुए थे कि जिस स्कूल में सीसीटीवी कैमरे न लगे हों वहां के प्रिंसिपल का वेतन रोक लिया जाए। सभी केंद्र स्कूलों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

अचल कुमार मिश्र, डीआईओएस