- महज छह दिन शेष, अभी भी लाखों कापियों का होना है मूल्यांकन

- टाइम से मूल्यांकन कार्य पूरा करना है बड़ी चुनौती

ALLAHABAD: बोर्ड एग्जाम की कॉपियों का मूल्यांकन पूरा करने के लिए महज छह दिन बाकी हैं। लेकिन अभी भी लाखों कापियों का मूल्यांकन कार्य बाकी है। ऐसे में समय से मूल्यांकन कार्य पूरा करना टीचर्स के लिए चैलेंजिंग टास्क है। सेंटर्स इंचार्ज की मानें तो मूल्यांकन कार्य पूरा कराने में सबसे बड़ी समस्या परीक्षकों की कमी है। ऐसे में कापियों का सही तरीके मूल्यांकन समय से करना एक चुनौती बन गया है।

साइंस की कापियों के लिए नहीं मिल रहे परीक्षक

सिटी में मूल्यांकन के लिए बनाए गए सात सेंटर्स पर अभी भी लाखों की संख्या में कापियों के मूल्यांकन का कार्य किया जाना है। जीआईसी में ही फिजिक्स की 7भ् हजार कापियों की जांच होनी है। इसके लिए क्ब्8 परीक्षकों को तैनात किया गया था। लेकिन मूल्यांकन के दस दिन बाद भी अभी तक क्00 टीचर्स भी उपस्थित नहीं हो पाए हैं। जिसके कारण फिजिक्स की कापियों के मूल्यांकन का कार्य सिर्फ ब्8 परीक्षकों के कंधों पर टिका हुआ है। हिंदी की भी ब्0 हजार कापियों का मूल्यांकन अभी बाकी है। कुछ ऐसी ही स्थिति केसर विद्यापीठ इंटर कॉलेज में बनाए गए सेंटर की भी है। यहां भी साइंस सब्जेक्ट की कुल क् लाख क्म् हजार 8क्ख् कापियों का मूल्यांकन कार्य होना था। लेकिन अभी तक सिर्फ भ्भ् हजार कापियों के मूल्यांकन का कार्य पूरा हो सका है। इस कार्य को पूरा करने के लिए ब्ब्0 परीक्षकों को तैनात किया गया था। लेकिन फ्00 परीक्षक ही उपस्थित हो सके। इन्हीं परीक्षकों से बाकी कार्य को भी पूरा कराया जा रहा है।

इंग्लिश में भी वही हाल

साइंस के साथ ही इंग्लिश की कापियों के मूल्यांकन में सेम प्राब्लम बनी हुई है। भारत स्काउट गाइड इंटर कॉलेज में इंग्लिश की कापियों के मूल्यांकन के लिए अभी ख्8 हजार से अधिक कापियां बची हुई हैं। जबकि होम साइंस सब्जेक्ट में भी मूल्यांकन के लिए बची हुई कापियों की संख्या ख्8 हजार हैं। सीएवी इंटर कॉलेज में भी इंग्लिश की कापियों को ऐसा ही हाल है। यहां भी अभी तक फ्भ् हजार कापियों के मूल्यांकन का कार्य पूरा होना है। जिसके लिए यहां पर ख्9म् परीक्षकों को लगाया गया है। जिससे निर्धारित समय के भीतर कापियों के मूल्यांकन का कार्य किया जा सके। इस बारे में कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.भगवत सिंह ने बताया कि निर्धारित समय से कापियों के मूल्यांकन को पूरा करने में इन्हीं सब्जेक्ट्स के परीक्षकों कम संख्या परेशानी बनी हुई है। जबकि बाकी सब्जेक्ट्स की कापियों के मूल्यांकन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इस बारे में डीआईओएस को भी लिखित रूप से जानकारी दी गई है। जिससे इस समस्या को दूर किया जा सके।