पासिंग परसेंट के बिगड़ने के आसार, बढ़ गई छात्रों की टेंशन

तीन सालों से 80 प्रतिशत से ऊपर इंटरमीडिएट व हाईस्कूल का रहा रिजल्ट

ALLAHABAD: एशिया के सबसे बड़े बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट आने में अभी लगभग एक सप्ताह का समय है। लेकिन, अभी से बोर्ड परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स की धड़कने बढ़ गयी है। स्टूडेंट्स के साथ ही साथ बोर्ड के अधिकारियों भी इस बार पासिंग परसेंट को लेकर काफी चिंतित है। यूपी बोर्ड परीक्षा में पिछले तीन सालों से लगातार पासिंग परसेंट 80 प्रतिशत के ऊपर ही रहा। इस बार स्टूडेंट्स के पासिंग प्रतिशत में कमी आने की आशंका है।

मूल्यांकन में रुपयों की हुई थी भरमार

बोर्ड परीक्षा के समय ही सूबे में सत्ता परिवर्तन ने नकल माफियाओं के प्लान पर कुछ हद तक पानी डाल दिया था। हालांकि, नकल में कोई खास कमी देखने को नहीं मिली। सत्ता परिवर्तन के बाद रिजल्ट में कमी आने की संभावना का ही असर था कि इस बार मूल्यांकन के दौरान रुपयों की बाढ़ सी देखने को मिली। मूल्यांकन के दौरान उत्तरपुस्तिकाओं में दो हजार के नोट से लेकर सौ और पचास के तक नोट परीक्षकों को मिले। इसको देख कर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार नकल करने वाले स्टूडेंट्स कितने डरे हुए थे। दूसरी ओर पहली बार बोर्ड की ओर से कई जनपदों की कापियों को विशेष रूप से मुख्यालय में मंगाया गया था। इन जिलों की कापियों को जांचने के लिए बोर्ड की ओर से विशेष व्यवस्था भी की गई थी।

तीन सालों में बोर्ड का रिजल्ट

2014 में इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट 92.21 प्रतिशत रहा

इसमें संस्थागत का पासिंग प्रशित 92.48 व व्यक्तिगत का प्रतिशत 87.79 रहा

हाईस्कूल में बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट प्रतिशत 86.71 रहा

संस्थागत स्टूडेंट्स का प्रतिशत 87.20 व व्यक्तिगत का 74.81 रहा

2015 में इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट प्रशित 88.83 रहा

संस्थागत का प्रतिशत 89.00 व व्यक्तिगत का 86.26 रहा

हाईस्कूल में परीक्षा का रिजल्ट प्रतिशत 83.74 रहा

इसमें संस्थागत 84.18 व व्यक्तिगत 70.63 रहे

2016 में इंटरमीडिएट में उत्तीर्ण हुए स्टूडेंट्स का प्रतिशत 87.99

संस्थागत स्टूडेंट्स का 88.10 व व्यक्तिगत का 85.83

हाईस्कूल में कुल 87.66 प्रतिशत पास हुए

इसमें संस्थागत 88.00 व व्यक्तिगत 75.07 प्रतिशत रहे