स्टूडेंट्स का एग्जाम सटीक जवाब देने पर पूरे मार्क दिए जाएंगे। माक्र्स के चक्कर में उन्हें बेवजह कॉपी भरने की जरूरत नहीं होगी।

कम माक्र्स मिलते हैं

माध्यमिक शिक्षा परिषद की मार्किंग पॉलिसी को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। कहा जाता है कि सीबीएसई और आईसीएसई की अपेक्षा यहां स्टूडेंट्स कम ही माक्र्स ला पाते हैं। इससे स्टूडेंटस टेंशन में रहते हैं। उधर जेईई 2013 के लिए नए नियम बनाए जाने के बाद उनकी टेंशन और बढ़ गई है। इसके तहत जेईई में एडमिशन इस बार बहुत कुछ बोर्ड एग्जाम पर भी निर्भर करेगी। जेईई मेंस में बोर्ड परसेंटेज का 40 परसेंट वेटेज दिया जाना है।

प्वाइंट टू प्वाइंट

स्टूडेंट्स की इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए यूपी बोर्ड ने फैसला लिया है। जानकारों का कहना है कि इस बार बोर्ड एग्जाम के दौरान पूछे जाने वाले क्वेश्चंस सीधे होंगे। स्टूडेंट्स को प्वाइंट टू प्वाइंट जवाब देना होगा। साथ ही एग्जाम में पूछे जाने वाले लांग आंसर क्वेश्चंस की संख्या भी कम किए जाने पर विचार किया जा रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो इसी सेशन से ये बदलाव किए जाएंगे।

दो साल पहले लागू हुआ था

सत्र 2010-11 में बोर्ड की पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी ने स्टेप मार्किंग को लागू किया था। एग्जामिनर्स से साथ कहा गया था कि स्टूडेंट्स को स्टेप बाई स्टेप आंसर के लिए नंबर दिए जाएं। स्टूडेंट्स के लिए ये काफी फायदे का सौदा रहा। हालांकि कई बार ये उनके माक्र्स काटने का भी कारण बना गया। इसी को देखते हुए ऑफिसर्स ने मार्किंग में लिबरल होने की प्लानिंग की है।

तय होगी लिमिट

जानकार मानते हैं कि प्लानिंग सफल रही तो एग्जाम में पूछे जाने वाले हर सवाल का जवाब स्टूडेंट्स को लिमिटेड वड्र्स में देना होगा। आंसर सही हुआ तो स्टूडेंट्स को पूरे माक्र्स दिए जाएंगे। आंसर गलत हुआ तो स्टेप मार्किंग प्रोसेस के तहत माक्र्स दिए जाएंगे।

होगी कार्रवाई

इतना होने के बाद भी टीचर्स ने बात नहीं मानी और कम नंबर दिए तो ऐसे टीचर्स पर कार्रवाई होगी। पहले भी इससे कम नंबर देने वाले टीचर्स पर स्टूडेंट्स की शिकायत के बाद कार्यवाही हो चुकी है।

"संभावना है कि इस बार लांग आंसर क्वेश्चंस कम पूछे जाएंगे। इसमें भी स्टूडेंट्स को सीमित शब्दों में ही जवाब देना होगा। जवाब सही होने पर उन्हें पूरे नंबर दिए जाएंगे। इससे हमारे स्टूडेंट्स भी सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स के बराबर में स्टेंड कर पाएंगे."

वीके सिंह, प्रिंसीपल जीआईसी मेरठ

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