लखनऊ (आईएएनएस)। हरियाणा से 2,224 उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के पहले ग्रुप को शनिवार शाम 82 बसों में वापस उत्तर प्रदेश ले आया गया है। मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि इनमें से अधिकांश प्रवासी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। इन माइग्रेंटस को हेल्थ चेकअप के लिए 14 दिनों के क्वॉरंटीन में स्पेशल शेल्टर होम्स में रखा गया है, इसके बाद उनको अपने घरों में लौटने की अनुमति दे दी जायेगी। बताया जा रहा है कि हरियाणा से 11,000 प्रवासियों के संडे को वापस आने की उम्मीद है।

मुख्यमंतीरी ने शेल्टरहोम बढ़ाने के दिए निर्देश

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही अपने अधिकारियों को जिलों में शेल्टर होम्स की संख्या बढ़ाने और उनमें पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था के साथ कम्युनिटी किचन, और पर्याप्त स्वच्छ शौचालयों का इंतजाम करने का निर्देश दे दिया है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों को डॉक्टरों की एक डैडिकेटेड टीम तैयार करने का भी निर्देश दिया है, जो सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में हेल्थ इन्फेक्शन की जांच करने के तरीके डेवलप करेगी।

अस्पतालों से फैल रहा है इंफेक्शन

प्रिंसीपल सेक्रेटरी (हेल्थ) अमित मोहन प्रसाद, ने कहा है कि अस्पताल संक्रमण फैलने के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे हैं। आगरा के जिलाधिकारी, प्रभु एन सिंह के अनुसार, जिले का पारस अस्पताल पड़ोसी 10 से 12 जिलों में इन्फेक्शन फैलाने का जिम्मेदार पाया गया था। महामारी अधिनियम के तहत अस्पताल के मालिक और प्रबंधक के खिलाफ एक एफ आई आर दर्ज कर ली गई है। डायलिसिस के लिए लखनऊ के चंदन अस्पताल में भर्ती किए गए दो रोगियों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसलिए सभी मरीजों को संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS) में भेजा गया है, और निजी अस्पतालों को मरीजों को भर्ती करने से रोकने के लिए कहा गया है। प्रिंसीपल सेक्रेटरी (हेल्थ) ने कहा कि निजी अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिक्स स्टाफ को कोरोना रोगियों को लेने की अनुमति देने से पहले COVID-19 प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित किया जाएगा।

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