लखनऊ (ब्यूरो)। प्रयागराज में 207 व मथुरा-वृंदावन में 20 राजस्व गांव जोड़े गए हैं। कैबिनेट ने एक नगर पालिका परिषद के साथ ही 14 नगर पंचायतों के भी सीमा विस्तार को मंजूरी दी है। कौशाम्बी की एक नगर पंचायत को नगर पालिका परिषद बनाया गया है।

प्रयागराज नगर निगम की सीमा बढ़ी

प्रयागराज नगर निगम के सीमा विस्तार का प्रस्ताव कैबिनेट में दूसरी बार आया। इससे पहले कैबिनेट ने प्रस्ताव कुछ संशोधन करने के लिए वापस कर दिया था। मंगलवार की कैबिनेट ने नए प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। वर्तमान में नगर निगम प्रयागराज का क्षेत्रफल 62।64 वर्ग किलोमीटर है। सीमा विस्तार में 207 राजस्व ग्राम व नगर पंचायत झूंसी शामिल कर लिया है। ऐसे में अब कुल क्षेत्रफल 292।09 वर्ग किलोमीटर हो गया है। वहीं, मथुरा-वृंदावन में 20 राजस्व गांव जोड़े गए हैं। इससे नगर निगम का क्षेत्र काफी बढ़ गया है। वहीं, प्रतापगढ़ की नगर पालिका परिषद, बेल्हा का सीमा विस्तार कर उसमें 19 गांव जोड़े गए हैं।

बंथरा बनी नई नगर पंचायत

कैबिनेट ने विभिन्न जिलों मेें 19 नई नगर पंचायतों के गठन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत लखनऊ में बंथरा को नगर पंचायत बंथरा, प्रतापगढ़ के ग्राम कोहडौर व पृथ्वीगंज बाजार को अलग-अलग नगर पंचायत बनाया गया है।

रामलीला मैदान का होगा सौंदर्यीकरण

राजधानी के ऐशबाग में स्थित रामलीला मैदान के सौंदर्यीकरण की योजना में प्रस्तावित कार्यों में कुछ नए विशिष्ट कार्यों को जोड़ा गया है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। राज्य सरकार इसे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाने और पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र बनाने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती है।

अन्य फैसले

- कैबिनेट की बैठक में गोरखपुर और देवरिया की सड़कों के निर्माण के प्रस्ताव भी रखे गए, जिन्हें स्वीकृति दे दी गई। गोरखपुर-महराजगंज-निचलौल मार्ग पर चार लेन सीसी रोड का निर्माण होना है। परियोजना की लागत 40854.25 लाख रुपये होगी।

- दिवंगत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मान देने के भाव में उनके दाह संस्कार के लिए सरकार आश्रितों को अनुदान देती है। अब तक इस मद में पांच हजार रुपये दिए जाते थे। इसे बढ़ाकर 12000 रुपये कर दिया गया है।

कानपुर के सिख विरोधी दंगों की जांच में आएगी तेजी

कानपुर में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के घाव अभी तक गहरे हैं। कई पीडि़त परिवार न्याय की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन अभी तक मुकदमों की जांच पूरी नहीं हो सकी। जांच में तेजी लाने के लिए सरकार ने विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) को थाना घोषित कर दिया है। यह प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत कर दिया गया। वर्ष 1984 में देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़के थे, जिसकी चपेट में कानपुर भी आया था। मुकदमों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बालेंदु भूषण सिंह 17 सितंबर 2019 को शासन को पत्र लिखकर नियुक्त निरीक्षक व उप निरीक्षकों को प्रभारी निरीक्षक व थानाध्यक्ष के समकक्ष विवेचना करने के लिए वैधानिक अधिकार का अनुरोध किया था।

भत्ता पुनरीक्षण के प्रस्ताव पर भी लगी मुहर

- कर्मचारी राज्य बीमा योजना और श्रम चिकित्सा सेवाओं में कार्यरत एलोपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों की तरह नॉन प्रैक्टिस भत्ता (एनपीए) मिलेगा। भत्ता पुनरीक्षण के प्रस्ताव पर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मुहर लगा दी गई। नए नियम से अब इन चिकित्सकों को मूल वेतन का बीस फीसद प्राइवेट प्रैक्टिस बंदी भत्ता दिया जाएगा। हालांकि इसमें शर्त रहेगी कि मूल वेतन और भत्ते का योग 2,37,502 रुपये प्रतिमाह से अधिक न हो। सरकार का मानना है कि भत्ता पुनरीक्षित होने से श्रम चिकित्सा सेवाएं आकर्षित होंगी।

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