लखनऊ (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने 18 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसमें सूबे में बनने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के बिड डॉक्यूमेंट की मंजूरी का प्रस्ताव भी शामिल है। कैबिनेट ने छह पैकेज में बनने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और दो पैकेज में बनने वाले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के बिड डॉक्यूमेंट (आरएफक्यू कम आरएफपी) को मंजूरी दी है। इसके बाद बाद 45 दिन के भीतर बिड की प्रक्रिया पूरी करके डेवलपर का चयन कर लिया जाएगा और दोनों एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। ध्यान रहे कि कुंभ के दौरान प्रयागराज में हुई कैबिनेट में इन दोनों एक्सप्रेस वे के निर्माण की सैद्धांतिक मंजूरी दी गयी थी।

सुरक्षा उपायों से बढ़ी लागत

राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण पहले 14,716 करोड़ रुपये से होना था पर रोड सेफ्टी ऑडिट के बाद सड़क हादसे रोकने को तमाम एहतियाती सुरक्षा उपाय करने की वजह से इसकी लागत बढ़कर 14,849 करोड़ हो गयी है। इसी तरह गोरखपुर एक्सप्रेस वे की लागत भी 5,555 करोड़ से बढ़कर 5,876 करोड़ हो गई है। करीब 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का निर्माण 30 माह में होगा। वहीं 91 किमी लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण होने से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के जरिए दिल्ली तक का सफर आसान हो जाएगा। दोनों एक्सप्रेस वे पर औद्योगिक गलियारा भी बनाया जाना है। यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे बनने से सूबे में बनने वाले डिफेंस कॉरीडोर की राह भी आसान होगी। इस एक्सप्रेस वे के जरिए चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर छह घंटे में पूरा किया जा सकेगा। वहीं डिफेंस कॉरीडोर के लिए भी राज्य सरकार ने एक हजार हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण कर लिया है। केवल चित्रकूट में एक किसान राजी नहीं है जिसे जल्द मना लिया जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर बनने वाले इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में 50 हजार लोगों को जबकि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अनुरोध पर बनने वाले पांच हजार एकड़ के इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

मिली सातवें वेतनमान की सौगात

कैबिनेट ने राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ  को पीजीआई की तर्ज पर वेतनमान देने का निर्णय भी लिया है। इसके अलावा लोहिया इंस्टिट्यूट के सभी शिक्षकों व कर्मचारियों को भी पीजीआई की तर्ज पर 7वां वेतनमान दिया जाएगा। वहीं ऑटोनामस मेडिकल संस्थाओं में 1749 खाली पदों में 718 को एक वर्ष के लिए संविदा से भरे जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि करीब 718 रिक्त पदों पर जल्द ही सीधी भर्ती की जानी है लिहाजा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत संविदा पर सीमित अवधि पर तैनाती की जाएगी। इसके अलावा लोहिया संयुक्त चिकित्सालय और लोहिया इंस्टीट्यूट के कर्मचारियों के विलय को मंज़ूरी के फैसले के क्रम में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के अदला-बदली की मंज़ूरी भी कैबिनेट ने दी है। अस्पताल के 187 कर्मचारियों में से 161 को प्रतिनियुक्ति पर लोहिया संस्थान में, 20 को लोकबंधु अस्पताल में और बाकियों को राजधानी के अन्य अस्पतालों में तैनात किया जाएगा। वहीं 4 डॉक्टर्स को प्रतिनियुक्ति पर जबकि 39 को दो साल के लिए बाकी अस्पतालों में संबद्ध किया जाएगा। कैबिनेट ने पुरुष स्टाफ नर्स के लिये सेवा नियमावली में बदलाव करने के साथ शैक्षिक योग्यता की विसंगतियां भी दूर करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया है जिसके बाद शीघ्र 403 पुरुष नर्सों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

लखनऊ को मिली कई सौगातें

कैबिनेट ने राजधानी स्थित डाॅ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में बॉटनिकल गार्डन के लिये एक करोड़ रुपये और योग केंद्र की स्थापना के लिये 25 लाख रुपये की मंजूरी दी है। इसके अलावा आंबेडकर यूनिवर्सिटी 300 स्टूडेंट्स की क्षमता वाले सावित्रीबाई फुले गल्र्स हॉस्टल के निर्माण के लिये पांच करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी करने की भी मंजूरी भी दी है। भारत सरकार ने इसके लिए सीपीडब्लूडी को कार्यदायी संस्था नामित किया है। इसके निर्माण पर कुल 18.48 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसके अलावा राजधानी के शहीद पथ स्थित कैंसर इंस्टिट्यूट की ओपीडी अक्टूबर से शुरू करने के लिए पीजीआई के रेट कांट्रैक्ट पर औषधियां और सर्जिकल आइटम खरीदने की मंजूरी दी है। इसके तहत 187 औषधियां और 132 सर्जिकल आइटम खरीदे जाने हैं।

नई नियमावली को मंजूरी

कैबिनेट ने केंद्रीय किशोर न्याय अधिनियम की जगह नयी किशोर न्याय नियमावली के सृजन को मंज़ूरी। नयी नियमावली में हर ऐसी संस्था का पंजीकरण अनिवार्य है। बिना पंजीकरण के चलने वाली संस्थाओं पर सरकार का रुख बेहद सख्त होगा। इसमें किशोरों के प्रति अपराध का वर्गीकरण करते हुए सभी स्तरों पर जवाबदेही तय की गयी है। हर तीन माह पर संबंधित जिले के डीएम खुद इसकी समीक्षा करेंगे।

संविदा पर भरेंगे पद

भूगर्भ जल विभाग में तकनीकी अधिष्ठान के समूह ख और ग के सभी पद संविदा पर एक साल के लिए या तब तक भरे जाएंगे, जब तक आयोग से इनकी नियुक्ति नहीं हो जाती। मौजूदा समय में विभागीय और विश्व बैंक से संचालित योजनाओं पर मानव संसाधन की कमी के नाते असर न पड़े, इसके लिए कैबिनेट ने यह फैसला लिया है।

रोड सेफ्टी पर ध्यान

कैबिनेट ने विश्व बैंक के लोन से प्रस्तावित यूपी कोर रोड नेटवर्क डेवलपमेंट परियोजना के सड़क सुरक्षा घटक के तहत कराए जाने वाले कार्यों को भी मंज़ूरी दी है। इसकी कुल लागत 570 मीलियन डॉलर है। इसके लिए विश्व बैंक 400 मीलियन डॉलर की मदद देगा। बाकी का पैसा राज्य सरकार खर्च करेगी। इसके तहत गृह, परिवहन और लोकनिर्माण विभाग को 303 करोड़ रुपये के कार्यों की मंजूरी कैबिनेट ने दी है।

एयरपोर्ट के लिए दी छूट

कैबिनेट ने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की 589.35 एकड़ की जो जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ  इंडिया को दी जानी है, उसमें स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इस बाबत अग्रिम फैसलों के लिये मुख्यमंत्री को अधिकृत कैबिनेट ने अधिकृत किया है।

टाउनशिप को लेकर फैसला

प्रयागराज में न्यायालय के लिए बन रही टाउनशिप के लिये 395 करोड़ के प्रस्ताव को घटाकर 295.60 करोड़ रुपये कर दिया गया है। अब इसमें ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट को हटा दिया गया है। टाउनशिप में हर श्रेणी के आवास, क्लब व कम्युनिटी सेंटर बनना है।

एक साल बढ़ाया कार्यकाल

कैबिनेट ने खनन की टेंडरिंग के लिए एमएसटीसी का कार्यकाल एक साल और बढ़ा दिया गया है। इसके तहत 400 खनिज और 250 उपखनिज के लिए ई-टेंडर होने है।

तोड़ेंगे जर्जर इमारतें

कैबिनेट ने प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर मेडिकल कालेज के निर्माण के लिए पुरानी जर्जर इमारतों को तोड़कर पैसा बट्टे-खाते में डालने के लिए 3.10 करोड़ रुपये एवं 25.77 लाख रुपये की मंजूरी भी दी है।

बोली सरकार, दस रुपये कम हैं दाम

सोमवार को प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के वैट में इजाफे की वजह से बढ़े दामों पर सफाई देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बीते वर्ष अक्टूबर माह में केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर पांच रुपये प्रति लीटर की छूट दी थी। सोमवार को दाम बढ़ाने के बावजूद अक्टूबर माह की तुलना में पेट्रोल और डीजल के दाम दस रुपये प्रति लीटर कम हैं।

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