मथुरा (एएनआई)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को डॉक्टर कफील खान को बड़ी राहत दी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कथित भड़काऊ बयानों के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोपी डॉक्टर कफील खान को सशर्त जमानत दे दी है। सशर्त जमानत दिए जाने के घंटों बाद डॉक्टर कफील खान को देर रात मथुरा जेल से रिहा भी कर दिया गया। रिहा होने के बाद डॉक्टर कफील खान यहां संवाददाताओं से कहा कि मैं संघर्ष के दौरान मेरे द्वारा खड़े होने के लिए सभी 138 करोड़ भारतीयों को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं न्यायपालिका को उस आदेश देने के लिए धन्यवाद देता हूं, जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मुझे जेल में रखने के लिए एक झूठा, आधारहीन और काल्पनिक मामला बनाया।
मैं यूपी सीएम से अपनी नौकरी बहाल करने का आग्रह करता हूं
इसके साथ ही डाॅक्टर कफील ने कहा, मैं यूपी एसटीएफ का भी शुक्रिया अदा करता हूं, जिसने मुझे मुंबई से मथुरा लाते समय नहीं मारा। अपनी रिहाई के ठीक बाद उन्होंने अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे कहा कि वह बिहार, केरल और असम के बाढ़ प्रभावित राज्यों में जाना चाहते हैं और वहां राहत कार्यों में भाग लेना चाहते हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने एक दलील रखते हुए कहा कि मैं अपनी नौकरी बहाल करने का आग्रह करता हूं ताकि मैं कोरोना योद्धा के रूप में लोगों के लिए काम कर सकूं। 12 दिसंबर, 2019 को सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के बाद खान को जनवरी में मुंबई से यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया था। 14 फरवरी, 2020 को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोपित हुए थे।

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