सपा सुप्रीमो मुलायम बोले, पार्टी नहीं टूटने दूंगा

-रामगोपाल बना रहे दूसरी पार्टी, मोटरसाइकिल चुनाव चिन्ह

खुलकर बता रहा हूं कि रामगोपाल के बेटा-बहू बुरी तरह फंसे हैं। रामगोपाल दूसरी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से चार बार मिले हैं। मैंने उससे कहा कि मुझसे कहते, मैं आपके बेटे और बहू को गारंटी के साथ छुड़ा लेता।

-मुलायम सिंह, सपा मुखिया

बोले मुलायम

रामगोपाल दूसरी पार्टी के अध्यक्ष से चार बार मिले। रामगोपाल ही पार्टी तोड़कर अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी बना रहे हैं। वही नई पार्टी के लिए मोटरसाइकिल चिह्न मांग रहे हैं। अखिलेश को बरगलाया गया है।

अब मेरे पास बचा क्या है, जो था सब दे दिया। मेरे पास सिर्फ आप लोग (कार्यकर्ता) बचे हैं। आप पर पूरा भरोसा है। पार्टी टूटने नहीं देंगे। नाम नहीं बदलेंगे। न चिह्न बदलेंगे, मेरी कलम से नहीं बदलेगा। मुझे कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है।

LUCKNOW : समाजवादी पार्टी में छिड़े दंगल के बीच अब एक नई रेस शुरू हो चुकी है। यह रेस है साइकिल और मोटरसाइकिल की। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव जहां किसी भी कीमत पर अपनी पार्टी का नामो निशान नहीं बदलना चाहते तो वहीं प्रोफेसर रामगोपाल यादव 'अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी' के नाम से नई पार्टी खड़ी करने का सपना बुने बैठे हैं और इसका चुनाव चिन्ह 'मोटरसाइकिल' करने की तैयारी है। बुधवार को यह खुलासा खुद मुलायम सिंह यादव ने किया। बोले, अब मेरे पास बचा क्या है, जो था सब दे दिया। मेरे पास सिर्फ आप लोग (कार्यकर्ता) बचे हैं, लेकिन मैं पार्टी नहीं टूटने दूंगा। अपनी कलम से पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी नहीं जाने दूंगा। रामगोपाल पर भड़ास निकालते हुए मुलायम ने कहा कि खुलकर बता रहा हूं कि रामगोपाल के बेटा-बहू बुरी तरह फंसे हैं।

पूरा देश जानता है कि तीन बार मिले

मुलायम ने रामगोपाल को सपा में फूट का पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पूरा देश जानता है कि वे दूसरी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से तीन बार मिले हैं। चौथी बार मुलाकात होने की जानकारी भी मेरे पास है। मैंने कहा कि भाजपा के नेताओं के पास क्यों जा रहे हो। वहीं अखिलेश से भी कहा कि ऐसे लोगों के चक्कर में क्यों पड़े हो। मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित कर दिया है, किसी भी विवाद में मत पड़ो। मैं यहां केवल यह बताने आया हूं कि पार्टी को कौन तोड़ रहा है। कौन दूसरी पार्टी के नेता से मिल रहा है। मैं और शिवपाल तो किसी से मिलने नहीं जाते हैं। दूसरी पार्टी के लोग शादी-ब्याह में बुलाते हैं तो मैं भी जाता हूं। कार्यकर्ताओं से कहता हूं कि आप भी जाइये, लेकिन ये तो दूसरी पार्टी से ही मिल गये। मैंने गरीबी में परिवार छोड़ा, शिवपाल के साथ इमरजेंसी का बुरा दौर भी देखा है। तब अखिलेश ढाई साल का था। मैं दो जगह से इलेक्शन लड़ने जा रहा था, लेकिन जेल भेज दिया गया। शिवपाल अंडरग्राउंड होकर रात में चुनाव प्रचार करता था। हम लोगों की तकलीफें किसी ने देखी ही कहां हैं, कितने संघर्षो के बाद समाजवादी पार्टी बनाई है। आप लोगों ने चुनाव लड़ा और बहुमत से जिताया। मैंने भी किसी से बिना पूछे अखिलेश को मुख्यमंत्री बना दिया। अब मेरे पास क्या बचा है, केवल आप जैसे कार्यकर्ता ही हैं।

किसी कीमत पर पार्टी को टूटने नहीं देंगे

मुलायम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि जनता की बदौलत आज हम यहां हैं। मैं आपको पूरा भरोसा दिलाता हूं कि किसी भी कीमत पर पार्टी को टूटने नहीं दूंगा। कुछ साजिश करने वाले लोग भी हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी तोड़ दो। कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या आप लोग इसे पसंद करोगे, बदले में जवाब आया 'नहीं'। आगे बोले कि मैं चाहता हूं कि आप लोग मेरा सहयोग और समर्थन करें। हम वादा करके जा रहे हैं और सारे कागज भी आपको दे देंगे। मुझ पर भरोसा रखना। अभी दिल्ली जाना है, बाहर के लोगों के साथ महत्वपूर्ण बैठक है। पार्टी की एकता में बाधा न पड़े, इसलिए लखनऊ में था। इसके बाद मुलायम सिंह एयरपोर्ट रवाना हो गये। उनके साथ शिवपाल सिंह यादव भ्ाी थे।

नेताजी के बारे में कुछ भी बोलना नहीं चाहता। हम लोग अब 13 जनवरी का इंतजार कर रहे हैं। अब चुनाव आयोग तय करेगा कि साइकिल सिंबल किसका है।

- प्रोफेसर रामगोपाल यादव

(दिल्ली में)