यूपी के चुनिंदा सिटीज में एक सर्वे के जरिए हमने सीधे उनसे बात की और जानना चाहा कि आखिर उनके दिमाग में चल क्या रहा है? वे कौन से इश्यूज हैं, जिसे लेकर यूपी का यंगिस्तान कंसन्र्ड है. नतीजे चौंकाने वाले हैं और दिलचस्प भी. इस दफा यूपी के वोटर लिस्ट में 1.38 करोड़ न्यू वोटर्स जुड़े हैं, जिनमें से ज्यादातर यूथ हैं. साथ ही 18-19 एज ग्र्रुप के 52.55 लाख वोटर्स ऐसे हैं, जो फस्र्ट टाइम वोट डालने जा रहे हैं. जाहिर है, इन यूथ वोटर्स का स्विंग चुनावी नतीजों पर जबरदस्त असर डालने वाला है और सभी पॉलिटिकल पार्टीज इन्हें लुभाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोडऩा चाहती.

नतीजे चौंकाने वाले
यूथ के चंचल मन को समझना आसान नहीं. लेकिन बात जब बिल्डिंग ऑफ नेशन की हो, तो इसी चंचल मन में बैठा एक सीरियस और रिस्पॉन्सिबल सिटिजन बाहर आ जाता है. ये वो यूथ है जो आइडियली पॉलिटिक्स, कास्ट और रिलिजन जैसी लाइन से हटकर केवल देशहित में सोचता है. सो इनके सामने जब हमने अपकमिंग असेंबली इलेक्शन में सबसे बड़े इश्यू, फेवरिट कैंडिडेट और वोटिंग राइट के मायने जैसे सवाल किए, तो उन्होंने खुलकर जवाब दिए. कई नतीजे तो ऐसे रहे, जो यंगिस्तान की सोच पर नई रोशनी डालते हैं.

क्या हैं सर्वे के नतीजे
अपने सर्वे में आईनेक्सट ने यूथ से तरह-तरह के सवाल किए. उनके दिल और दिमाग में झांककर उनकी सोच को टटोलने की कोशिश की. जवाब में जो नतीजे सामने आए, वो ये बताने के लिए काफी हैं कि आज यूथ अपने देश, पॉलिटिक्स और डेमोक्रेसी के बारे में क्या सोच रहा है. पॉलिटिकल सिस्टम पर से उसका विश्वास उठ गया है या वह खुद इसमें शामिल होकर इसे बदलने को बेताब है. वोट देने का अधिकार उसके लिए क्या मायने रखता है, क्या यह बदलाव का सबसे अहम जरिया है. मौका मिलने पर क्या यूथ एक्टिव पॉलिटिक्स में जाना चाहेंगे या सिर्फ वोट देकर वह मौजूदा तस्वीर बदलने की सोचता भर है. क्या एक अच्छे कैंडिडेट को जिताने के लिए वह फुल टाइम या पार्ट टाइम समय देने को तैयार है या फिर उसका सपोर्ट सिर्फ इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग साइट तक ही सीमित रहेगा. सबसे अहम बात कि वह वोट अपनी मर्जी से डालेगा या फिर फैमिली, फ्रेंड या सोसायटी की ओपिनियन उसकी खुद की राय पर असर डालेगी?

पॉलिटिकल सर्वे नहीं.
आईनेक्स्ट का यह सर्वे किसी पॉलिटिकल पार्टी की हार-जीत के बारे में बात नहीं करेगा, न ही हम ये बताएंगे कि किसे कितनी सीटें मिलने जा रही हैं. यह कोई एग्जिट पोल सर्वे नहीं है. हमारा सर्वे सिर्फ और सिर्फ यूपी के यूथ वोटर्स की पसंद-नापसंद और उनकी थिंकिंग बताएगा, जिसके बेसिस पर वह असेंम्बली इलेक्शन में वोट डालने जा रहे हैं.

क्या है यूथ का प्रोफाइल
आईनेक्स्ट ने अपने सर्वे में उन यूथ की ओपिनियन जानी जो 18-35 एज ग्र्रुप के हैं. इनमें से करीब 60 फीसदी 18-25 एज वाले हैं. इनमें भी एक तिहाई से ज्यादा वे यूथ हैं, जो इस चुनाव में पहली दफा वोट डालने जा रहे हैं. जाहिर है, हमारा सर्वे उन यंग वोटर्स की बात सामने लाएगा, जिनका एक-एक वोट किसी भी सीट पर हार-जीत का खेल बना या बिगाड़ सकता है. सर्वे में भाग लेने वाले सभी यूथ कम से कम मैट्रिक पास हैं और 75 फीसदी से ज्यादा या तो ग्र्रैजुएट हैं या फिर पोस्ट ग्र्रैजुएट. हमारे सर्वे के सैम्पल में भाग लेने वाले 73 फीसदी यूथ मेल हैं और 26 फीसदी फीमेल.

कैसे किया सर्वे
इस सर्वे के लिए हमने यूपी के 8 इम्पॉर्टेंट डिस्ट्रिक्ट्स को चुना. पूर्वी, पश्चिमी और मध्य यूपी में शामिल ये डिस्ट्रिक्ट्स हैं-मेरठ, बरेली, आगरा, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी और गोरखपुर. एक क्वेश्चनायर के जरिए सर्वे में शामिल यूथ के सामने हमने 15 ऐसे सवाल रखे, जो देश की डेमोक्रेसी और इसके पॉलिटिकल सिस्टम से जुड़े हुए हैं. फिर सभी भरे हुए क्वेश्चनायर की स्क्रुटनी की और रैंडम मेथड से रिस्पॉन्डेंट्स का वेरिफिकेशन भी किया.

यूथ वोटर्स से पूछे गए सवाल


1.  आपकी राय में इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या है?
क. भ्रष्टाचार और लोकपाल बिल     
ख. महंगाई  
ग. बेरोजगारी      
घ. आप ही बताएं
               
2.  किस पॉलिटिकल पार्टी के मेनिफेस्टो में यूथ के मुद्दों को तरजीह दी गई है?
क. कांग्रेस   
ख. बीजेपी   
ग. बीएसपी  
घ. एसपी    
च. इनमें से कोई नहीं      
छ. पता नहीं
.              
3. क्या पॉलिटिकल पार्टीज को यूथ के लिए अलग से मेनिफेस्टो जारी करना चाहिए?               
क. हां     
ख. इसकी जरूरत नहीं      
ग. कह नहीं सकते

4.  इस चुनाव में आपकी पसंद कैसे कैंडिडेट हैं?             
क. नैशनल पार्टीज के कैंडिडेट
ख. रीजनल पार्टीज के कैंडिडेट
ग. कोई भी अच्छा इंडिपेंडेंट कैंडिडेट
घ. पता नहीं
               
5.  क्या पुराने उम्रदराज कैंडिडेट्स की तुलना में आप किसी अच्छे युवा कैंडिडेट को चुनना पसंद करेंगे?
क. हां  ख. नहीं  
ग. कह नहीं सकते  
घ. इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता
               

6.क्या अपने मनपसंद प्रत्याशी को जिताने के लिए आप चुनाव प्रचार में हिस्सा लेना चाहेंगे?
क. हां 
ख. नहीं 
ग. कह नहीं सकते
               
7. अपने फेवरेट कैंडिडेट को जिताने के लिए आप किस हद तक चुनाव प्रचार से जुड़ सकते हैं?
क. फुल टाइम 
ख. पार्ट टाइम 
ग. सिर्फ सोशल नेटवर्किंग साइट्स और इंटरनेट के माध्यम से
घ. पता नहीं
               
8. क्या आपका कोई पॉलिटिकल एम्बिशन है या देशसेवा के लिए आप भविष्य में चुनाव लडऩा चाहेंगे ?
क. हां 
ख. नहीं 
ग. मुझे राजनीति से नफरत है  
घ. कह नहीं सकता
.              
9.  क्या आपको अपने क्षेत्र के प्रत्याशियों के बारे में सबकुछ पता है, ताकि आप उनमें से एक अच्छे प्रत्याशी का चयन कर पाएं?
क.  हां 
ख. नहीं  
ग. जानना तो चाहता हूं पर यह जानकारी मिलेगी कैसे

10.  इस बारे में जानकारी प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका आपको क्या लगता है?
क. इटरनेट सर्च इंजन के द्वारा
ख. पॉलिटिकल पार्टीज-कैंडिडेट्स की वेबसाइट या उनका फेसबुक पेज से 
ग. मीडिया के माध्यम से  
घ. लोगों से बातचीत में सब पता चल जाता है 
च. पता नहीं
               
11. अगर कोई सेलिब्रिटी किसी कैंडिडेट के फेवर में कैम्पेन करता है, तो क्या आप उससे प्रभावित होते हैं?
क. हां  
ख. नहीं  
ग. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता

12.वोट देने का अधिकार आपके लिए कितना मायने रखता है?

क. यह सिर्फ एक संवैधानिक अधिकार है  
ख. बहुत, क्योंकि इसके माध्यम से मैं बहुत कुछ बदल सकता हूं       
ग. मुझे इसकी परवाह नहीं  
घ. पता नहीं

13. क्या इस चुनाव में आप पहली बार वोट डाल रहे हैं?
क. हां      
ख. नहीं         
ग. अभी तक अपना इलेक्शन आइडेंटिटी कार्ड नहीं बनवा पाया हूं

14. क्या आप अपनी मर्जी से वोट डालेंगे या फिर फैमिली-फ्रेड या सोसायटी के लोगों से सलाह भी लेंगे?
क. अपनी मर्जी से वोट देंगे    
ख. परिवार-दोस्तों-समाज के लोगों की राय भी मायने रखती है
ग. पता नहीं


15. जरूरत पड़ी तो क्या किसी अच्छे प्रत्याशी को जिताने के लिए आप कालेज-यूनिवर्सिटी स्तर पर कोई बड़ी मुहिम चला सकते हैं या फिर ऐसी किसी मुहिम से जुडऩा पसंद करेंगे?
क. हां   
ख. नहीं    
ग. मेरे पास वक्त नहीं है      
घ. पता नहीं