-विधान परिषद में सरकार ने माना

LUCKNOW:

राजधानी समेत सूबे के दस प्रमुख शहर वायु प्रदूषण की चपेट में है। राज्य सरकार ने मंगलवार को विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान स्वीकारा कि लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, कानपुर, गोरखपुर, इलाहाबाद, बरेली, मेरठ, आगरा और वाराणसी के वातावरण में दस माइक्रॉन तक के आकार के कणकीय पदार्थ (पीएम 10) निर्धारित मानकों से अधिक पाये गए हैं। शहरों की वायु प्रदूषण की स्थिति के बारे में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा नेता हृदय नारायण दीक्षित के सवाल पर सरकार ने यह जानकारी दी। शहरों की वायु प्रदूषण की स्थिति के बारे में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा नेता हृदय नारायण दीक्षित के सवाल पर सरकार ने सदन को यह जानकारी दी।

नवंबर और दिसंबर का हाल

सरकार की ओर से बताया गया कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के दौरान लखनऊ शहर में विभिन्न स्थानों पर वायु गुणता की जांच के दौरान हवा में पीएम 10 की मात्रा तय मानकों से ज्यादा मिली। इसी अवधि में गाजियाबाद और नोएडा क्षेत्र की वायु गुणता जांच में भी पीएम 10 की मात्रा मानकों से अधिक पायी गई। वहीं कानपुर, गोरखपुर, इलाहाबाद, बरेली, मेरठ, आगरा और वाराणसी में दिसंबर के महीने में की गई आखिरी जांच में इन शहरों की हवा में पीएम 10 की मात्रा मानकों से अधिक पायी गई।

राहत की बात यह है कि इन सभी शहरों की हवा में सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन डाई आक्साइड की मात्रा निर्धारित मानकों के अनुरूप पायी गई। सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश के प्रमुख शहरों में वायु गुणता को सुधारने के लिए प्रमुख प्रदूषणकारी उद्योगों में वायु प्रदूषण नियंत्रण संयंत्रों की स्थापना और उनका संचालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। डीजल जेनरेटर सेट्स पर नियमानुसार समुचित ऊंचाई की चिमनी व ध्वनि नियंत्रण के लिए एकाउस्टिक एनक्लोजर की स्थापना करायी जा रही है। वाहनों में उपलब्धता के आधार पर स्वच्छ ईंधन के रूप में सीएनजी मुहैया करायी जा रही है। वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के उपायों में शहर में संचालित वाहनों की अधिकतम अनुमन्य आयु सीमा का निर्धारण किया जाना शामिल है। वाहनों में भारत स्टेज-4 और भारत स्टेज-3 मानकों का अनुपालन कराया जा रहा है।