कितना खर्च, क्या ले गए, सब होगा मिलान

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LUCKNOW : पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा अपना सरकारी बंगला खाली करने के दौरान हुई तोडफ़ोड़ और दुर्दशा ने राज्य संपत्ति विभाग के अफसरों के होश उड़ा दिए है। यही वजह है कि अब अधिकारी इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहे हैं ताकि भविष्य में उन्हें किसी जांच का सामना न करना पड़ जाए। दरअसल इन बंगलों के रेनोवेशन में राज्य सरकार का करोड़ों रुपये खर्च हुआ था। अब विभाग पुराने रिकॉर्ड से वहां लगाए गये सामानों का मिलान कराने जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनमें से कौन सा सामान सरकारी था और कौन सा पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने निजी खर्च से लगवाया था।

तमाम बेशकीमती सामान बंगले से गायब

दरअसल मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले में कितना खर्च किया जा सकता है, इसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं है। यह मुख्यमंत्री के विवेक पर निर्भर करता है कि वह इसके लिए कितनी धनराशि आवंटित कर सकता है। यही वजह रही कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने कार्यकाल में पांच, कालिदास मार्ग और 13, मॉल एवेन्यू स्थित बंगले के रेनोवेशन में करोड़ों रुपये खर्च किए थे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक 13, मॉल एवेन्यू वाले बंगले में करीब 86 करोड़ रुपये खर्च किए गये थे। बाद में अखिलेश ने भी मुख्यमंत्री आवास और चार, विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी बंगले के रेनोवेशन में करोड़ों रुपये खर्च किए। मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने बतौर पूर्व मुख्यमंत्री अपने लिए चार, विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगले को चुना और इसके रेनोवेशन में करीब 42 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। वहीं इस बंगले को खाली करने के बाद जब राज्य संपत्ति विभाग के अफसरों ने वहां मौका-मुआयना किया तो पाया गया कि उसमें लगाया गया तमाम बेशकीमती सामान निकाला जा चुका है। इसके बाद इसमें ताला लगा दिया गया ताकि यह मामला ज्यादा सुर्खियों में न आए।  

मुलायम ने सौंपी चाभी

पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने पांच, विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने बंगले को खाली करने का पत्र और उसकी चाभी राज्य संपत्ति विभाग को सोमवार को भेज दी। सूत्रों के मुताबिक अभी तक अखिलेश ने यह कवायद नहीं की है क्योंकि उनके बंगले में अभी कुछ सामान हटाया जाना बाकी है। मुलायम के बंगले का काफी सामान लोहिया ट्रस्ट में रखा गया है जबकि अखिलेश का गोमतीनगर स्थित सहारा शहर में। सुल्तानपुर रोड स्थित सुशांत गोल्फ सिटी में दोनों के नये बंगले के रेनोवेशन का काम जारी है जहां बाद में इस सामान को शिफ्ट किया जा सकता है। वहीं जल्द ही विक्रमादित्य मार्ग पर सपा मुख्यालय के पीछे एक भूमि पर अखिलेश का नया बंगला भी बनना है।   

एनडी तिवारी के पास भेजा

वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का सरकारी बंगला खाली कराने के लिए राज्य संपत्ति विभाग ने एक अधिकारी को दिल्ली भेजा है ताकि वह उनके परिजनों से इस मसले पर बातचीत कर सके। दरअसल एनडी तिवारी के बंगले के बाहर ट्रस्ट का बोर्ड लगाया गया है जिसके बाद इसे खाली करा पाना आसान नहीं दिख रहा। वहीं एनडी तिवारी लंबे समय से बीमार चल रहे हैं और दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज जारी है। राज्य संपत्ति विभाग की कोशिश है कि परिजनों से बातचीत के जरिए इस मामले को सुलझा लिया जाए।    

'पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगलों में सरकारी मद में जो सामान लगाया गया था, उसका जल्द ही मिलान कराना शुरू होगा। मेंटीनेंस विभाग के अफसरों को इसके लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। वहीं एनडी तिवारी के नाम आवंटित बंगले को खाली कराने का प्रयास भी जारी है।'

- योगेश कुमार शुक्ला, राज्य संपत्ति अधिकारी  

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