लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने बिकरू गांव में 3 जुलाई को हुई मुठभेड़, जिसमें आठ पुलिसकर्मी मारे गए और 10 जुलाई को कानपुर के पास मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच का नेतृत्व रिटायर्ड जस्टिस शशिकांत अग्रवाल करेंगे। कानपुर में इसका मुख्यालय बनाया जाएगा। जांच रिपोर्ट दो महीने के भीतर प्रस्तुत की जाएगी। इस अवधि के दौरान पुलिस द्वारा की गई अपराधियों की मुठभेड़ों को भी कवर किया जाएगा।


पुलिस-अपराधियों की सांठगांठ की भी जाँच
बता दें तीन जुलाई से 10 जुलाई के बीच पुलिस ने एनकाउंटर में छह अपराधियों को मार दिया गया था। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार न्यायिक आयोग भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की जाँच करने के लिए पुलिस-अपराधियों की सांठगांठ की भी जाँच करेगा। आयोग को ऐसे नेक्सस को विकसित होने से रोकने के उपाय सुझाने का काम सौंपा गया है। राज्य सरकार ने 3 जुलाई की घटना में पुलिस की भूमिका की जांच करने के लिए शनिवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का भी गठन किया।


एसआईटी टीम पहूंची बिकरु गांव
कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे का एनकाउंटर तो हो गया। मगर विकास को इतना बड़ा अपराधी बनाने में किसका हाथ था, इसकी जांच अब शुरु हो गई है। इसके लिए एक एसआईटी टीम का गठन किया गया। जिसका नेतृत्व उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी कर रहे हैं। संजय की अगुआई में एसआईटी टीम जांच-पड़ताल के लिए रविवार को विकास के गांव बिकरु पहुंची। यहीं पर विकास ने अपने साथियों के साथ मिलकर आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। भूसरेड्डी ने कानपुर के रास्ते में पीटीआई को बताया, 'हम उस स्थान का दौरा करेंगे जहां फायरिंग हुई थी (बिकरू गांव)। हालांकि उन्होंने आगे विस्तार से जानकारी देने से इनकार कर दिया।

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