लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) के एक प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में एक बड़ा एक्शन लिया है। योगी सरकार ने प्रश्न पत्र लीक होने के दो दिन बाद राज्य के परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव संजय कुमार उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। संजय कुमार उपाध्याय परीक्षा आयोजित करने और हुई चूक के लिए जिम्मेदार है। सरकार ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच भी शुरू कर दी है। यूपीटीईटी राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होने के लिए न्यूनतम योग्यता है।

राज्यपाल की मंजूरी के बाद संजय कुमार को निलंबित किया गया

बेसिक शिक्षा सचिव अनामिका सिंह द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि उपाध्याय परीक्षा की शुचिता बनाए नहीं रखने और गोपनीयता के उच्च मानकों का पालन करने में विफल रहने के लिए प्रथम दृष्टया दोषी हैं। आदेश के मुताबिक लीक के कारण परीक्षा शुरू होने से पहले ही रद करने से राज्य सरकार की बदनामी हुई है। लीक से पता चलता है कि उपाध्याय सुचारू रूप से परीक्षा आयोजित करने में विफल रहे और इसलिए, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

उपाध्याय को लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशालय से जोड़ा गया

वहीं इस निलंबन अवधि के दौरान सचिव संजय कुमार उपाध्याय को लखनऊ में बेसिक शिक्षा निदेशालय से जोड़ा गया है। बता दें कि 28 नवंबर को निर्धारित यूपीटीईटी के लिए 20 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था। इसमें अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल होने के लिए पहुंचे थे। हालांकि यूपीटीईटी प्रश्न पत्र लीक होने की रिपोर्ट के बाद इसे बंद कर दिया गया था। यूपी एसटीएफ ने 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और विभिन्न जिलों के 20 और लोगों को जांच के दायरे में रखा है।

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