LUCKNOW/NOIDA: 'प्रमोशन का सीजन है, एक-दो को टपकाना पड़ेगा.' अंडर ट्रेनिंग दारोगा विजय दर्शन शर्मा ने बस इतना कहने के बाद बेकुसूर जिम ट्रेनर को गोली मार दी। गोली उसकी गर्दन को भेदते हुए पार निकल गई। गंभीर रूप से घायल जिम ट्रेनर को इलाज के लिये हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जहां वह जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहा है। फर्जी एनकाउंटर में युवक के घायल होने की सूचना ने नोएडा से लेकर राजधानी लखनऊ तक खलबली मचा दी। डीजीपी ओपी सिंह ने एसएसपी गौतमबुद्धनगर से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। उधर, परिजनों के हंगामे के बाद पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर दारोगा के खिलाफ जानलेवा हमले व लूटपाट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर उसे अरेस्ट कर लिया है।

 

सगाई समारोह से लौट रहा था

गौतमबुद्धनगर स्थित गांव पार्थला निवासी जितेंद्र यादव उर्फ डम्बर जिम ट्रेनर है। शनिवार को बरहामपुर गांव में जितेंद्र की चचेरी बहन का सगाई समारोह था। जिसमें शामिल होने वह अपने अन्य रिश्तेदारों के साथ गया था। रात करीब 9.30 बजे जितेंद्र चचेरे भाई धर्मेंद्र, चाचा कृपाल व मित्र सुनील जाट स्कॉर्पियो पर सवार होकर वापस लौट रहे थे। धर्मेद्र के मुताबिक, इसी दौरान जब उनकी गाड़ी सेक्टर 122 पहुंची इसी दौरान पीछे से ब्रीजा कार सवार पुलिसकर्मियों ने उन्हें ओवरटेक कर श्रमिक कुंज के करीब रोक लिया। अभी वे लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही कार सवार दारोगा विजय दर्शन, पंकज, कॉन्सटेबल संजय टमटा व नरेंद्र ने उन लोगों को गाड़ी में ही गिराकर पीटना शुरू कर दिया।

 

प्रमोशन का हवाला दे मार दी गोली

जितेंद्र ने जब पुलिसकर्मियों से गुनाह पूछा तो सब इंस्पेक्टर विजय दर्शन ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिये मुठभेड़ की बात कहकर जितेंद्र को गोली मार दी। गोली उसके गर्दन को भेदती हुई पार निकल गई। आरोप है कि इसके बाद पुलिसर्मियों ने जितेंद्र के हाथ में मौजूद सोने का ब्रेसलेट, चेन व मोबाइल फोन लूट लिया। गाड़ी में मौजूद अन्य लोग भागकर गांव पहुंचे और लोगों को पुलिस की कारस्तानी बताई। धर्मेद्र ने बताया कि सूचना मिलने पर सैकड़ों ग्रामीण आनन-फानन वहां जा पहुंचे। लोगों को आता देख पुलिसकर्मी वहां से फरार हो गए। लोगों ने आनन-फानन गंभीर रूप से घायल जितेंद्र को करीब स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया। सुबह परिजनों व ग्रामीणों के हंगामे के बाद पुलिस ने धर्मेद्र की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर आरोपी दारोगा विजय सेन शर्मा को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस ने आरोपी दारोगा की सर्विस पिस्टल को भी सीज कर दिया है।

एसएसपी बता रहे दारोगा का पक्ष

घटना से यूपी पुलिस की फजीहत होती देख अब पुलिस आरोपी दारोगा को ही बचाने में जुट गई है। एसएसपी नोएडा लव कुमार ने बताया कि आरोपी दारोगा विजय दर्शन शर्मा ने अधिकारियों को बताया है कि उसे सूचना मिली थी कि एक कार में कुछ लोग शराब के नशे में हैं और तेज आवाज में गाना बजा रहे हैं। इसके बाद वह मौके पर अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचा था। वहां स्कॉर्पियो सवार उनसे उलझ गए। इस दौरान उसने पिस्टल निकाली थी। हाथापाई के दौरान अचानक गोली चल गई। जिससे जितेंद्र यादव घायल हो गया। एसएसपी ने बताया कि आरोपी दारोगा और घायल युवक के बड़े भाई के बीच काफी पहले से जान-पहचान है। घटना किन परिस्थितियों में हुई इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने घटना को मुठभेड़ मानने से इंकार कर दिया। एसएसपी ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने ही घायल जितेंद्र यादव को हॉस्पिटल पहुंचाया जबकि, परिजनों ने उनके दावे को खारिज कर दिया।

 

नशे में धुत थे पुलिसकर्मी

धर्मेद्र ने बताया कि घटना के वक्त दारोगा विजय दर्शन शर्मा, पंकज व कॉन्सटेबल नरेंद्र व संजय शराब के नशे में धुत थे। उसने बताया कि सभी पुलिसकर्मी सादी वर्दी में थे। एसएसपी की दलील को सिरे से खारिज करते हुए धर्मेद्र ने बताया कि उन लोगों ने शराब नहीं पी रखी थी। पुलिसकर्मियों ने बिना किसी वजह हमला बोल दिया। इस हमले में गाड़ी में सवार एक अन्य युवक के पैर में चोट लगी है। ग्रामीणों ने बताया कि 10 दिन पहले इलाके में पुलिसकर्मियों द्वारा की जा रही वसूली को लेकर जितेंद्र व दारोगा विजय दर्शन शर्मा के बीच विवाद हुआ था। आशंका जताई जा रही है कि इसी चिढ़ में दारोगा ने जितेंद्र को गोली मारी है।

राजनेताओं का लगा जमावड़ा

घटना के बाद रविवार को इस पर राजनीति भी तेज हो गई। रविवार सुबह से परिजन व उनके साथ सैकड़ों लोग सेक्टर 62 स्थित हॉस्पिटल पहुंचकर हंगामा करते हुए धरने पर बैठ गए। मामले की जानकारी मिलने पर सपा नेता व राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, अतुल प्रधान, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, सपा प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक हॉस्पिटल पहुंचे और जितेंद्र का हाल-चाल लिया। एहतियात के तौर पर हॉस्पिटल कैंपस व आसपास भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।