नई दिल्ली/अमरावती (एएनआई/आईएएनएस)। मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा, उन्हें राज्य में ऐसे 157 लोगों की तलाश है जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में तब्लीगी जमात कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। दिल्ली में हुई इस धार्मिक सभा में देश के कई हिस्सों से लोग शामिल हुए थे। ऐसे में उनकी जगह-जगह तलाश हो रही। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है, 'हम संख्या के बारे में निश्चित नहीं हैं, लेकिन यह अनुमान है कि 1500-1700 लोग मरकज भवन में इक_े हुए थे। 1033 लोगों को अब तक निकाला गया है - उनमें से 334 को अस्पताल भेजा गया है और 700 को क्वॉरंटीन सेंटर भेजा गया है।'

आंध्र प्रदेश ने 369 लोगों की पहचान की

सिर्फ यूपी ही नहीं आंध्र प्रदेश पुलिस को भी ऐसे लोगों की तलाश है, जो जमात में पहुंचे थे। आंध्र प्रदेश सरकार 369 लोगों का पता लगाने में कामयाब रही है। राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, आंध्र प्रदेश के 369 व्यक्ति निजामुद्दीन में आयोजित मशूर या दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस साल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लगभग 1,500 से 2,000 तब्लीगी जमातदारों, इस धार्मिक सम्मेलन में पहुंचे थे। यहां लोग एक साथ रहते हैं और धार्मिक प्रवचन में शामिल होते हैं।

जानें कहां से कितने लोग शामिल हुए

हैदराबाद के एक तब्लीगी जमात नेता ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से कार्यक्रम की देखरेख की थी। बैठक में भाग लेने वाले लोगों के अनुसार सबसे अधिक संख्या कुरनूल से 107 के साथ थी, उसके बाद कृष्णा से 40, गुंटूर से 37, नेल्लोर से 33, और प्रकाशम से 30 । पूर्वी गोदावरी से 27 लोगों ने भाग लिया था, जबकि कडप्पा से 24, चित्तूरु से 22, पश्चिम गोदावरी से 18, अनंतपुर और विशाखापत्तनम से 14 और विजयनगरम से तीन लोग आए थे। श्रीकाकुलम जिले से इस कार्यक्रम में एक भी व्यक्ति शामिल नहीं हुआ था। अधिकांश सदस्य 18 और 20 मार्च के बीच आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अपने-अपने स्थानों पर पहुंच गए। अब तक, आंध्र प्रदेश ने कोविड ​​-19 पॉजिटीव मामलों के 40 मामले दर्ज किए हैं। पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भी सोमवार को राज्य सरकार दिल्ली में तब्लीगी जमात कार्यक्रम में भाग लेने वाले 6 व्यक्तियों की मृत्यु की सूचना दी।

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