लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी रेरा द्वारा रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स की प्रगति का सर्वे स्वतंत्र एजेंसी 'क्रिसिल' से कराया जा रहा है, जिसके आधार पर हर प्रोजेक्ट की ग्रेडिंग की जाएगी। जल्द ही ग्रेडिंग देख आपको पता चल सकेगा कि आप जिस प्रोजेक्ट में निवेश करने जा रहे वह सुरक्षित भी है या नहीं। अध्यक्ष राजीव कुमार ने यूपी रेरा के न्यायिक कार्य की पहली वर्षगांठ पर बुधवार को यह जानकारी मीडियाकर्मियों से साझा की। उन्होंने बताया कि बीते एक साल में रेरा ने देशभर में सबसे ज्यादा 10505 शिकायतों का निपटारा किया है जबकि इसी मियाद में महाराष्ट्र महज आधी ही शिकायतों का निपटारा कर पाया। उन्होंने रेरा में पूरी तरह से डिजिटलाइज ई-कोर्ट शुरू करने की भी घोषणा की।

256 मामलों में हुई सुलह

अध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र रेरा की कार्यप्रणाली को समझने के लिये दो दिवसीय स्टडी टुअर किया गया था। इस दौरान वहां के कॉन्सिलिएशन मैकेनिज्म और एडज्यूकेटिंग ऑफिसर की योजना को यूपी रेरा ने अपनाया। इसके लिये दिसंबर 2018 में गाइडलाइंस तय करके आदेश जारी किया गया। दो रिटायर्ड सीनियर प्रशासनिक अफसरों की नियुक्ति की गई। लखनऊ व नोएडा में कॉन्सिलिएशन फोरम ने काम शुरू किया और महज आठ महीनों में कुल 256 मामलों में बायर्स और प्रमोटर्स के बीच सुलह हो गई, जिससे मामले के निस्तारण में लगने वाला समय बच गया।

कराई 33.39 करोड़ की वसूली

वायदे के मुताबिक तय समय पर फ्लैट, शॉप्स और प्लॉट देने में विफल रहे प्रमोटर्स से वसूली के लिये 296.05 करोड़ रुपये की रिकवरी नोटिस जारी की गई हैं। राजीव कुमार ने बताया कि इसमें से 159 रिकवरी सर्टिफिकेट के एवज में संबंधित जिलों के डीएम द्वारा 33.39 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। वहीं, अब तक 121 शिकायतकर्ताओं से एफिडेविट लेने के बाद 27.43 करोड़ रुपये आरटीजीएस के जरिये शिकायतकर्ताओं के अकाउंट में भेज दिये गए हैं।

यूनिफाइड सिंगल विंडो सिस्टम के लिये सलाहकार

अध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि तमाम प्रमोटर्स यूपी रेरा पोर्टल में अपने प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिये जरूरी दस्तावेज को बनवाने में लंबा वक्त लगता है। इसे देखते हुए यूनिफाइड सिंगल विंडो सिस्टम के फ्रेमवर्क को तैयार करने के लिये एक सलाहकार की नियुक्ति की जा रही है। इस सिस्टम के हो जाने से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को सभी विभागों और संबंधित एजेंसियों से ही क्लीयरेंस मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि यूपी रेरा में नवंबर 2019 तक ई-कोर्ट मॉड्यूल काम करने लगेगा। जिसके बाद शिकायत से लेकर आदेश तक सभी दस्तावेज डिजिटलाइज होंगे। उन्होंने बताया कि यंग प्रोफेशनल्स को यूपी रेरा बेहतर प्रशिक्षण दे रहा है। यूपी रेरा से लॉ ट्रेनी जुड़कर अपने करियर को आगे बढ़ा सकेंगे। लॉ ट्रेनी को प्राधिकरण की कार्यवाही में मदद करने के एवज में अच्छा वैतनिक पारिश्रमिक भी दिया जा रहा है।

बिना कंपलीशन सर्टिफिकेट के हो सकेगी रजिस्ट्री

गुरुवार को यूपी रेरा मुख्यालय में आयोजित 20 बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इलेक्ट्रिक सेफ्टी, फायर सेफ्टी, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, लिफ्ट इंस्टॉलेशन सर्टिफिकेट के साथ बिजली, पानी, सीवर, ड्रेन, इंटरनल रोड जैसे विकास कार्य पूरे हो चुके हैं और सक्षम अधिकारी के समक्ष कंपलीशन सर्टिफिकेट या ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के लिये आवेदन कर दिया है तो वे अब आवंटियों को रजिस्ट्री कर सकेंगे और आवंटी कब्जा प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा बैठक में सुप्रीम कोर्ट आम्रपाली ग्रुप के सभी प्रोजेक्ट्स के काम पूरा करने के आदेश पर यूपी रेरा ने आम्रपाली ग्रुप के सभी 43 प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। साथ ही प्रमोटर का नाम व फोटोग्राफ डिफॉल्टर सूची में डालने के साथ देशभर के रेरा को इसके बारे में सूचना देने का निर्णय लिया गया।

सुस्त रफ्तार पर रेरा नाराज, 800 प्रोजेक्ट्स पर जुर्माना

फैक्ट फाइल

-यूपी रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जारी किया बीते एक साल का रिपोर्ट कार्ड

-शिकायत निस्तारण में देश में पहला नंबर, एक साल में किया 10505 शिकायतों का निपटारा

-ई-कोर्ट शुरू करने की घोषणा, नवंबर से शुरु होगा पूरी तरह डिजिटल कामकाज

lucknow@inext.co.in

National News inextlive from India News Desk