बेसिक शिक्षा के स्कूल्स में शिक्षक भर्ती के लिए काउंसलिंग में बहुत कम अभ्यर्थी पहुंचे

BAREILLY: बेसिक शिक्षा के स्कूल्स में शिक्षक भर्ती के लिए काउंसलिंग की रफ्तार पर बड़े पैमाने पर हुई गड़बडि़यों ने ब्रेक लगालगा दिया। असल में जब टीईटी का रिजल्ट जारी हुआ था तब भी बड़े पैमाने पर गड़बडि़यां हुई थीं। उनके निस्तारण के लिए आवेदन भी मांगे गए थे। लेकिन अधिकांश गड़बडि़यां जस के तस बनी रहीं। नतीजा यह हुआ कि जब काउंसलिंग शुरू हुई तो शासन द्वारा शिक्षकों की सैलरी बढ़ाने के बावजूद शिक्षक ढूंढे नहीं मिले। इसके अलावा अभ्यर्थियों को कई ऐसी अव्यवहारिक प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ा, जिससे वे काउंसलिंग कराने से चूक गए। बता दें कि कोर्ट के दखल के बाद तीन वर्ष के बाद काउंसलिंग कराई गई है।

क्,फ्88 पद पर 8भ् ने कराई काउंसलिंग

काउंसलिंग को लेकर शासन की सुस्ती और लापरवाही अभ्यर्थियों की कमी की सबसे बड़ी कारण बनी। शासन शुरू से ही इसमें लापरवाही बरतता रहा। पहले कोर्ट ने मार्च में ही काउंसलिंग निपटाने के आदेश दिए थे, लेकिन शासन की सुस्त रही। जुलाई में फिर आदेश हुआ तब शासन ने तेजी दिखाई और काउंसलिंग के लिए महज तीन दिन ख्9, फ्0 और फ्क् अगस्त निर्धारित की। उसमें भी सीटों के सापेक्ष काफी स्टूडेंट्स को बुलाने का शेड्यूल तैयार कराया गया। बरेली में शिक्षकों के क्,फ्88 पद खाली हैं। इन पर काउंसलिंग के लिए करीब क्,ख्भ्0 अभ्यर्थी ही बुलाए गए। पहले दिन फ्भ्0, दूसरे दिन ब्ब्भ् और तीसरे दिन ब्ब्फ् अभ्यर्थियों को बुलाया गया। पहले दिन क्7, दूसरे दिन फ्भ् और तीसरे दिन फ्0 अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग कराई। तीनों दिन में करीब 8भ् अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग कराई। खाली सीटों के सापेक्ष केवल म् अभ्यर्थी ही काउंसलिंग को पहुंचे।

कइयों के नाम तक थे गायब

जो गड़बडि़यां पहले से थीं वह काउंसलिंग के समय तक बनी रहीं। मेरिट में बड़े पैमाने पर गड़बडि़यां पाई गई। खाली सीटों के सापेक्ष प्रदेश भर से करीब क्,77,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और करीब क्,ख्0,000 अभ्यर्थियों ने आपत्तियां जमा की थीं, लेकिन उनकी आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया गया। नतीजा यह कि मेरिट में कई अभ्यर्थियों के नाम गलत पाए गए। कइयों के नाम तो मेरिट में थे ही नहीं। वहीं ऐसे अभ्यर्थी भी थे जिन्होंने आवेदन बरेली के लिए था लेकिन काउंसलिंग दूसरे डिस्ट्रिक्ट में कराने का लेटर जारी हुआ।

शासन का आदेश और सेंटर पर और

काउंसलिंग सेंटर पर अभ्यर्थियों को कई तरह की अव्यवहारिक गड़बडि़यों का सामना करना पड़ा। शासन की तरफ से जारी जीओ में स्नातक स्तर पर ब्भ् परसेंट से पास हुए अभ्यर्थियों को भी काउंसलिंग में शामिल करने का आदेश था, लेकिन काउंसलिंग सेंटर्स से ऐसे अभ्यर्थियों को लौटा दिया गया। स्नातक स्तर पर केवल भ्0 उससे ऊपर वाले अभ्यर्थियों को ही शामिल किया गया। वहीं इग्नू से बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को भी काउंसलिंग नहीं कराने दिया गया। हालांकि दबाव के बाद कइयों की काउंसलिंग कराई, लेकिन उन्हें यह कह दिया गया कि अप्वॉइंटमेंट लेटर तभी दिया जाएगा जब वे शासन व कोर्ट से आदेश लेकर आएंगे।