प्रयागराज (एएनआई/अाईएएनएस)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रतन लाल हंगलू ने अपने खिलाफ महिलाओं की सुरक्षा को गंभीरता से न लेने और भ्रष्टाचार के संगीन मामलों के आरोपों के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। एक बयान में हंगलू ने कहा कि यह सही है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। वह बहुत परेशान हो चुके हैं। कारण यह है कि उनके खिलाफ बार-बार आधारहीन पूछताछ शुरू की गई थी। कई मौकों पर यह साबित हुआ कि शिकायतों में कोई सार नहीं था।

रजिस्ट्रार और पीआरओ ने भी अपने-अपने पदों से इस्तीफा

रतन लाल हंगलू ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाया है। उन्होंने कभी दबाव में काम नहीं किया। इसके अलावा उन्होंने कभी विश्वविद्यालय में सक्रिय माफियाअों के आदेश नहीं लिया। इसकी वजह से उन्होंने कानूनी सहारा लेने की योजना बनाई है। राष्ट्रपति के कार्यालय ने उनके खिलाफ आरोपों के संबंध में दो बार फाइल वापस कर दी थी क्योंकि उन्हें कोई मेरिट नहीं मिली थी। उनके साथ ही रजिस्ट्रार और पीआरओ ने भी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।


पद के दुरुपयोग सहित कई आरोप लगाते हुए आंदोलन चला
रतन लाल हंगलू को 30 दिसंबर, 2015 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया था। वहीं मामले में प्रयागराज आईनेस्ट ब्यूरो के मुताबिक पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रोहित मिश्रा, रिचा सिंह सहित कई अन्य छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर पद के दुरुपयोग सहित कई आरोप लगाते हुए आंदोलन चला रखा था। उनका कहना था कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्राओं का शोषण हो रहा है। उन्होंने तमाम शिकायतें भी वीसी से की हैं लेकिन उन्होंने इसे नोटिस ही नहीं लिया।

राज्यसभा में उठा था ऋचा की ओर से लगाये गए आरोप

बावजूद इसके वाइस चांसलर रतन लाल हंगलू ने महत्वपूर्ण पदों पर उन्हीं लोगों को बैठा दिया जो शोषण के मामलों में आरोपित थे। इसके बाद छात्राओं ने अपनी व्यथा पिछले दिनो कैंपस में आयी राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य से की थी। पिछले सप्ताह ही दिल्ली में महिला आयोग के समक्ष पेश हुए थे।वीसी पर पूर्व अध्यक्ष ऋचा की ओर से लगाये गये आरोप पर सपा की सांसद जया बच्चन ने राज्यसभा में और उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने विधानसभा में उठाया था।

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