विद्युत नियामक आयोग ने जन सुनवाई के दौरान की टिप्पणी

देहरादून।

विद्युत नियामक आयोग में टूयूजडे को आयोजित जनसुनवाई में यूपीसीएल को बिजली चोरी रोकने की जगह प्रमोट करने का जिम्मेदार ठहरा दिया। जनसुनवाई में यूपीसीएल के अधिकारियों ने बिजली चोरी रोकने में नियम कायदों का हवाला देकर तर्क-वितर्क किया तो आयोग के सदस्यों ने उन्हें न सिर्फ लताड़ लगाई, बल्कि और नियम-कायदों में जरूरी बदलाव कर सख्ती से बिजली चोरी करने के निर्देश दिए।

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यू वांट टू प्रमोट थैफ्ट

जनसुनवाई की अध्यक्षता एमके जैन सदस्य तकनीकी और डीपी गैरोला सदस्य विधि ने की। यूपीसीएल के इंजीनियर्स ने बिजली चोरी रोकने के कुछ तर्क आयोग सदस्यों के सामने रखे तो ये तर्क आयोग के गले नहीं उतरे। आयोग के सदस्यों ने विभाग के ईई को सीधे बोल दिया कि यू वांट टू प्रमोट थैफ्ट। ये सुनते ही इंजीनियर बैकफुट पर आ गए। दूसरे ईई ने जेई की कमी का रोना रोया तो आयोग ने कहा कि इसे आपकी कमी माने या कुछ और? यूपीसीएल के अभियंताओं ने बोलना शुरू किया तो दो घंटे बाद कहीं जाकर आम लोगों की बारी आई। हालांकि अंत में एमडी और डायरेक्टर ऑपरेशन ने भी अपने तर्क रखे।

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मजिस्ट्रेट भी नहीं सुनते विभाग की

इस मौके पर यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा ने कहा कि यदि कोई चोरी करता है तो उसकी सजा के बारे में भी जानता है। ऐसे में वह क्राइम करने से पहले कई बार सोचेगा। लेकिन, बिजली चोरी करने पर ऐसी कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती है कि कोई भी उससे डरे। ऐसे मामलों में एफआईआर लांच कराने में इंजीनियर्स के पसीने छूट जाते हैं। कोर्ट में भी जूडिशियल मजिस्ट्रेट विभाग की नहीं सुनते। साथ ही उन्होंने कंज्यूमर्स की समस्याओं के निदान का भी आश्वासन दिया।

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एक जेई चार जगह काम

जनसुनवाई में यूपीसीएल के ईई अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि हमारे पास जेई नहीं है। एक जेई से चार-चार जगहों के काम कराना पड़ता है। हालांकि आयोग सदस्यों ने इसे विभाग की कमी बताते हुए उन्हें चुप करवा दिया। सुनवाई में आयोग सचिव नीरज सती, डाइरेक्टर दीपक पांडे, प्रशांत किशोर डिमरी, रजनीश कुमार आदि उपस्थित थे।

लोगों की जुबानी

यूपीसीएल बिल्डर्स को बिजली बेचता है और फिर बिल्डर्स अपनी मर्जी के दामों पर प्लॉट वालों को बिजली बेचते हैं। ये मनमानी खत्म होनी चाहिए। मनिंदर कुमार, हरिद्वार

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बिल्डर की मनमानी के चलते चार महीने से बिजली नहीं मिल पाई है। प्लॉट ऑनर्स को बिल्डर तीन से चार गुना रेट पर बिजली कैसे बेच सकते हैं।

नरेश पाल, हरिद्वार

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कंज्यूमर्स को पैसा जमा करने के बाद भी कनेक्शन के साथ केबल नहीं दी जाती है। खराब गुणवत्ता के कारण सीमेंट के पोल भी टेढ़े हो गए हैं। शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं है।

वीरू बिष्ट, आर्केडिया ग्राम सभा

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उपभोक्ताओं के प्रमुख मुद्दे

-नए कनेक्शन धारकों को केबल उपलब्ध कराई जाए।

-ऊर्जा निगम के स्टोर को ऑनलाइन किया जाए।

-नए उपभोक्ताओं के यहां नंगी तारे न डाली जाए।

-बंच केबल का प्रावधान किया जाए। बिजली के बिलों के प्रारूप को हिंदी में बदला जाए।

-बिलों की छपाई गुणवत्ता से कराई जाए। ऑनलाइन आवेदन करने वालों को वेबसाइट स्लो होने के कारण परेशानी होती है।

- जरूरी कागज डाउनलोड करते ही वेबसाइट हैंग होने लगती है।

-फार्म हाउस, वेडिंग प्वाइंट, हॉस्टल मॉल रोड में प्रीपेड मीटर लगाए जाएं।

-ऊर्जा निगम के वर्तमान खंभों की गुणवत्ता काफी खराब हो गई है। इसकी जांच कराई जाए।

-बिलिंग काउंटर में स्वाइप मशीनें लगाई जाएं।

-बिजली के पोल के पैसे जमा करने वाले उपभोक्ताओं को उनके स्टीमेट की कॉपी उपलब्ध कराई जाए।