कानपुर। Uphaar Fire Tragedy देश के चर्चित उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आया है। 21 साल से अधिक इस पुराने मामले में अंसल बंधुओं सुशील अंसल और गोपाल अंसल को बड़ी राहत मिली। आल इंडिया रेडियो के ट्वीट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने 1997 में हुए उपहार सिनेमा अग्निकांड में पीड़ितों द्वारा क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया है। ऐसे में अंसल बंधुओं सुशील अंसल और गोपाल अंसल को जेल नहीं भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि क्यूरेटिव पीटीशन में कोई मेरिट नहीं है। उपहार सिनेमा अग्निकांड के पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पीटिशन दाखिल कर अंसल बंधुओं को जेल भेजने की मांग की थी।
1997 #UphaarCinemacase: SC dismisses curative plea by victims; no further jail term for Ansal brothers.
— All India Radio News (@airnewsalerts) February 20, 2020
उपहार सिनेमा अग्नि कांड आज भी लोगाें के जेहन में बसा
देश की राजधानी दिल्ली का उपहार सिनेमा अग्नि कांड आज भी लोगाें के जेहन में बसा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक13 जून 1997 की सुबह दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा के ग्राउंड फ्लोर पर दो ट्रांसफॉर्मर लगाए गए थे। इन ट्रांसफॉर्मर के इंस्टालेशन पूरा होने के कुछ ही देर बाद एक हल्का सा धमाका हुआ और धुआं फैलने लगा। इस दाैरान सिक्योरिटी गार्ड ने इसकी जानकारी सिनेमा स्टाफ को दी। सिनेमा स्टाफ ने तुरंत फायर ब्रिगेड और दिल्ली विद्युत बोर्ड को इसकी सूचना दी। सूचना पर पहुंची दिल्ली विद्युत बोर्ड की टीम ने दोपहर तक रिपेयरिंग कर ट्रांसफॉर्मर के जरिए सिनेमा हाल में इलेक्ट्रिक सप्लाई शुरू करा दी।
59 की माैत और100 से अधिक लोग हुए थे घायल
हालांकि इस दाैरान रिपेयरिंग ठीक से न होने से ट्रांसफॉर्मर के अंदर स्पार्क हुआ और अंदर ही अंदर फिर से आग सुलगने लगी। शाम करीब 5 बजे आग ने बड़ा रूप ले लिया और पार्किंग एरिया तक पहुंच गई। ग्राउंड फ्लोर की पार्किंग पर खड़ी कारें जलने लगी। वहीं सिनेमा हाल के फर्स्ट फ्लोर में शाम 3 से 6 का मैटिनी शो चल रहा था। लोग बॉर्डर फिल्म देख रहे थे। आग से उठते धुएं से लोगों का दम घोंटने लगा और वे भागने लगे। भगदड़ व धुएं की वजह से इस घटना में करीब 59 लोगों की मौत हुई थी और करीब 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
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