BAREILLY:

बिजली विभाग की विजिलेंस टीम अब बिजली की चोरी कर रहे लोगों से सेटिंग कर जुर्माना की राशि में हेरफेर नहीं कर पाएगी। जी हां, सेटिंग रोकने का काम करेगा एक एप। बिजली की चोरी में पकड़े गए उपभोक्ताओं की सारी डिटेल विजिलेंस टीम को अब शासन और यूपीपीसीएल को एप के जरिए भेजनी होगी। यदि, भेजी गई रिपोर्ट से इतर विजिलेंस टीम कोई गलत रिपोर्ट बनाती है, तो आसानी से पकड़ी जा सकेगी। यदि, कोई गड़बड़ी मिली तो विजिलेंस टीम के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह नई व्यवस्था शुरू भी कर दी गई है।

 

कंज्यूमर्स की डिटेल एप से भेजनी होगी

छापेमारी में शामिल विजिलेंस टीम के प्रत्येक सदस्य को अपने स्मार्ट मोबाइल में यूपीपीसीएल के एप डाउनलोड करनी होगी, जिसमें रिपोर्ट फीड करने के ऑप्शन दिए गए हैं। छापेमारी के दौरान उपभोक्ताओं के घर, शॉप या किसी शोरूम में बिजली की चोरी होते मिलती है, तो टीम को एप के जरिए रिपोर्ट तैयार करनी हैं। मसलन, बिजली की चोरी के प्रकार, उपभोक्ता का नाम, पता और बिजली कनेक्शन के अलावा कितने किलोवॉट तक बिजली की चोरी हो रही है सहित अन्य जानकारियां एप के जरिए फीड करनी हैं। फिर उसके बाद यूपीपीसीएल को भेज देनी हैं। जिसकी मॉनीटरिंग पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी डायरेक्ट करेंगे।

 

टारगेट को किया खत्म

पहले बिजली विभाग की विजिलेंस टीम को महीने का राजस्व इकट्ठा करने का एक निश्चित टारगेट मिला था। हर महीने 10 लाख रुपए राजस्व की वसूली करने का लक्ष्य था, लेकिन नई व्यवस्था शुरू होने के बाद मुख्यालय ने टारगेट हटा दिया है। ताकि, टारगेट को पूरा करने में विजिलेंस की टीम किसी बेकसूर को जानबूझ कर परेशान न करें। अक्सर विजिलेंस की टीम बिजली की चोरी में पकड़े गए लोगों को कार्रवाई का डर दिखा कर उपभोक्ताओं से रुपए वसूल लेती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। क्योंकि, एप में यह दिखाना होगा कि उपभोक्ता कितने वॉट की चोरी कर रहा था। या फिर कितने किलोवॉट तक बिजली कनेक्शन ले रखा है। उसी के हिसाब से शमन शुल्क और जुर्माना विजिलेंस टीम को लेना होगा। उससे इतर रुपए मांगने पर बिजली उपभोक्ता आला अधिकारियों से शिकायत दर्ज करा सकते थे।

 

गलत रिपोर्ट से नहीं कर सकेंगे वसूली

अभी तक सब कुछ विजिलेंस टीम के हाथ में ही होता था। वह एक्स्ट्रा किलोवॉट की बिजली चोरी दिखा कर उपभोक्ताओं से 4 हजार प्रति किलोवॉट के हिसाब से शमन वसूल ले लेती थी। जबकि, वह राशि पावर कॉरपोरेशन के खाते में नहीं पहुंचता था। अब ऐसा नहीं हो सकेगा। एप में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर ही वह कार्रवाई कर सकेंगे। शहर में करीब 2.80 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इससे इतर अवैध रूप से बिजली का इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी सैकड़ों में हैं। जो कि बिजली मीटर बाईपास कर, थेफ्ट, कटिया मार कर बिजली का इस्तेमाल करते हैं। वहीं लीगल उपभोक्ता भी कई बार निर्धारित लोड से अधिक बिजली का इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाते हैं, जो कि कार्रवाई के डर से विजिलेंस टीम को रुपए देने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

 

बिजली की चोरी में पकड़े जाने वाले उपभोक्ताओं की सारी डिटेल एप के जरिए ही बना कर यूपीपीसीएल को भेजनी हैं। यह व्यवस्था होने वाली कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के लिए की गई है।

निर्भय नारायण सिंह, इंस्पेक्टर, विजिलेंस, बिजली विभाग