दरअसल विपक्ष मीडिया में छपी उन ख़बरों पर प्रधानमंत्री से सफ़ाई मांग रहा था जिनके अनुसार वॉलमार्ट ने भारतीय बाज़ार में प्रवेश के लिए मोटी रकम लॉबी करने पर ख़र्च की है.

वॉलमार्ट ने अमरीकी सीनेट में 'लॉबिंग डिसक्लोज़र रिपोर्ट' दाख़िल की है. इस रिपोर्ट में कंपनी ने कहा है कि उन्होंने साल 2008 लेकर अबतक लॉबिंग के लिए 125 करोड़ रुपए ख़र्च किए हैं. कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक इनमे भारतीय बाज़ार में प्रवेश के लिए की गई लॉबिंग पर ख़र्च राशि भी शामिल है.

राज्य सभा में इस मुद्दे पर भोजन काल से पहले बीजेपी, सीपीएम, सीपीआई, एसपी और तृणामूल कांग्रेस ने दो बार सदन को स्थगित करवाया. शून्य काल में वॉलमार्ट द्वारा लॉबिंग करने के लिए ख़र्च किए गए धन का मुद्दा रविशंकर प्रसाद ने उठाया.

उन्होंने कहा, “वॉलमार्ट ने अमरीकी सीनेट को दी एक रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने साल 2012 में भारत के ख़ुदरा व्यापार क्षेत्र में प्रवेश के लिए लॉबिंग की और इसपर 125 करोड़ रुपए ख़र्चे. भारत में लॉबिंग अवैध है. ये एक किस्म की रिश्वत है. अगर वॉलमार्ट कहता है कि उसने ये पैसे भारत में ख़र्चे तो ये घूस है. ”

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, “सरकार को बताना चाहिए कि ये रिश्वत किसे दी गई है. ये जानकारी खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश पर सवाल उठाती है. ” बीजेपी के समर्थन में तृणामूल के नेता डी बंधोपाध्याय और सीपीएम के पी राजीव भी आए.

इसी दौरान मचे शोर-शराबे में समाजवादी पार्टी के सांसद अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए. ये लोग अनुसूचित जातियों और जनजातियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिए जाने वाले संशोधन के विरुद्ध नारे लगा रहे थे.

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