वाशिंगटन (एएनआई)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब शायद ईरान के खिलाफ सख्त सैन्य कार्रवाई नहीं कर पाएंगे। दरअसल, अमेरिकी संसद के निचले सदन में ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को लेकर डोनाल्‍ड ट्रंप के पावर को सीमित करने का प्रस्ताव पास हो गया है। 224 सदस्यों वाले इस सदन में गुरुवार को इस प्रस्ताव के पक्ष में 194 वोट पड़े। बता दें कि प्रस्ताव को सांसद एलिसा स्लोटकिन ने सदन में पेश किया था। स्लोटकिन ने पहले शिया मिलिशिया में विशेष रूप से सीआईए एनालिस्ट के पद पर काम किया है, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए वह रक्षा सहायक सचिव भी रहीं हैं। ईरान द्वारा बुधवार को इराक में दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर कई मिसाइल दागे जाने के एक दिन बाद यह प्रस्ताव लाया गया था।

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स्पीकर ने तनाव खत्म करने की कही बात

बता दें कि पिछले हफ्ते अमेरिका ने एक ड्रोन हमले को अंजाम दिया था, जिसमें ईरान के एक सैन्य जनरल कासिम सोलेमानी की मौत हो गई। इराक में मिसाइल अटैक अमेरिका के इसी हमले का जवाब था। बुधवार को ट्विटर पर एक बयान में, हाउस स्पीकर पेलोसी ने यूएस की स्ट्राइक को को 'उत्तेजक' और 'असंतुष्ट' करार दिया। उन्होंने कहा कि उन हमलों को अंजाम देने का फैसला किया गया जो ईरान और अमेरिका के बीच तनाव को बढ़ाते हैं और इस तरह का निर्णय संसद में चर्चा के बिना लिया गया था। स्पीकर ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने ईरान के सैन्य जनरल, कासिम सोलेमानी की हत्या की और ईरान के साथ तनाव बढ़ाकर हमारे अधिकारियों, राजनयिकों और अन्य लोगों को खतरे में डाल दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के साथ सैन्य कार्रवाई को लेकर राष्ट्रपति की शक्तियों को सीमित कर दिया गया है। पेलोसी ने कहा कि प्रशासन को तुरंत तनाव को खत्म करने के लिए संसद के साथ मिलकर काम करना चाहिए। अमेरिका और दुनिया युद्ध नहीं कर सकते।'

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