वाशिंगटन/नई दिल्ली। भविष्य में किसी भी तरह के हवाई हमले से बचने के लिए भारत अपने रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने जा रहा है। इसकी शुरुआत भारत नए इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन खरीदकर करने जा रहा है। यह वेपन अमेरिका से खरीदे जाएंगे बस यह डील फाइनल होना बाकी है। यह डील करीब 1.9 बिलियन डॉलर की है जिसे अमेरिका की तरफ से मंजूरी भी मिल गई है। अमेरिका की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने सोमवार को डील से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी दी। एजेंसी के मुताबिक, ट्रंप सरकार ने भारत के साथ रिश्ते को मजबूत करने के लिए एक और कदम उठाया है। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस को इसकी सूचना भी दे दी है।

भारत को मिलेगा हवाई सुरक्षा

नए एयर डिफेंस सिस्टर के तहत भारत की आसमानी ताकत और मजबूत होगी। इसी के साथ भारत पर कभी भी हवाई हमला होता है तो उसे निपटने का पूरा इंतजाम होगा। अमेरिकी फाॅरेन डिपार्टमेंट ने अपने बयान में कहा कि एयर डिफेंस वेपन सिस्टम से भारत नई तकनीकी का इस्तेमाल अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए करना चाहता है और हवाई हमले के खतरे बचने के लिए अपनी मौजूदा वायु रक्षा प्रणाली का विस्तार करना चाहता है।

किन हथियारों को खरीदेगा भारत

इस डील के तहत भारत को आईएडीडब्ल्यूएस मिलेगा। इसके अलावा भारत पांच एएन/ एमपीक्यू-64एफएल सेनटिनल रडार सिस्टम, 118 AMRAAM एआईएम-120C-7/सी-8 मिसाइल, तीन AMRAAM गाइडेंस सेक्शन, चार AMAMAM कंट्रोल सेक्शन, और 134 स्टिंगर एफआईएम-92एल मिसाइल भी खरीदेगा। इसके साथ ही 32 एम फोर ए वन राइफल (40,32) एम 855 5.56 मिमी कारटेज, फायर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर (एफडीसी), हैंडहेल्ड रिमोट टर्मिनल, इलेक्ट्रिकल ऑप्टिकल / इन्फ्रारेड (ईओ / आईआर) सेंसर सिस्टम खरीद में शामिल हैं।

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