अमेरिका की चेतावनी

वाशिंगटन, (प्रेट्र)। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि 'हम चीन के दक्षिण चीन सागर के सैन्यीकरण के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। हमने इसको लेकर चीनी नेतृत्व से सीधे सवाल उठाया है। इसके निकट अवधि और लंबी अवधि के परिणाम चीन को भुगतने होंगे।'

सैन्य निर्माण पर चिंता

इसके बाद पेंटागन ने भी विवादित जलक्षेत्र में चीनी सैन्य निर्माण पर चिंता व्यक्त की है। मुख्य पेंटागन प्रवक्ता दाना व्हाइट ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि 'हम चीन के सैन्य निर्माण को लेकर बहुत चिंतित हैं, चीन को यह मान लेना चाहिए कि उन्हें समुद्र के फ्री नेविगेशन से फायदा हुआ है, क्योंकि अमेरिकी नौसेना इसके गारंटर हैं।" बता दें कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने कल दावा किया था कि चीन की सेना ने विवादित जलक्षेत्र में जहाज और विमान रोधी मिसाइलें तैनात की हैं।

मिसाइल की क्षमता

सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने वाय जे-12बी जहाजरोधी मिसाइल तैनात की हैं, जो 295 समुद्री मील की दूरी तक जहाजों पर हमला कर सकती है। सतह से हवा में मार करने वाली एच क्यू-9बी मिसाइल भी तैनात की गई है जो 160 समुद्री मील तक विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों पर हमला कर सकती है। गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर दुनिया का सबसे विवादित क्षेत्रों में से एक है। इस पर वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया समेत कई देश अपना दावा करते हैं।

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