बीजिंग/वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिकी नौसेना का एक युद्धपोत बुधवार को ताइवान स्ट्रेट से होकर गुजरा। अमेरिका के इस कदम से चीन भड़क गया है। उसने गुरुवार को इसको लेकर गहरी चिंता भी जाहिर की है। यह पोत ताइवान के पास से ऐसे समय गुजरा, जब वाशिंगटन और बीजिंग के संबंधों में तनाव है। बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने कहा, 'ताइवान का मामला चीन और अमेरिका के बीच सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है, हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह हमारे संबंधों का सम्मान करे और ताइवान को किसी भी तरह का मदद ना पहुंचाए। वह ऐसा कोई भी कदम ना उठाये, जिससे चीन और अमेरिका के संबंधों में किसी तरह दरार आये और ताइवान स्ट्रेट का शांति व सुरक्षा भंग हो।'

ताइवान के लिए युद्ध के लिए भी तैयार चीन

बता दें कि बुधवार को चीन ने चेतावनी भी दी कि अगर ताइवान की स्वतंत्रता की दिशा में कोई कदम उठाया गया तो वह युद्ध के लिए तैयार है। 112 मील-चौड़ा (180 किलोमीटर) ताइवान स्ट्रेट में भेजे गए युद्धपोत की पहचान एंटिएटम के रूप में की गई है। अमेरिकी नौसेना के प्रवक्ता क्ले डॉस ने इसपर कहा, 'हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए एक युद्धपोत ताइवान स्ट्रेट से होकर गुजरा। अमेरिकी नौसेना उन सभी जगहों पर अपने अभियान संचालित करेगी, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून लागू होते हैं।'

चीन ने एक बार फिर अमेरिका से ताइवान को अपना हथियार नहीं बेचने का किया अनुरोध

चीन ताइवान को मानता है अपना हिस्सा

बता दें कि चीन अक्सर ताइवान-अमेरिकी संबंधों का विरोध करता है क्योंकि वह द्वीप भाग को अपना ही हिस्सा मानता है और चाहता है कि वह फिर से ताइवान पर अपना कब्जा जमा ले। हालांकि अमेरिका इसकी परवाह किए बगैर ताइवान को सैन्य साजो-सामान मुहैया कराता है। अमेरिका ने हाल ही में ताइवान को दो अरब डॉलर के हथियार बेचने की मंजूरी दी है। इस पर चीन की ओर से कड़ा एतराज जताया गया है।

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