-पुलिस पूछताछ में लगातार कबूल रहा कई अहम राज

-पुलिस ने कुशीनगर और बरेली से जब्त किए कई अहम दस्तावेज

BAREILLY : महाठग राजेश मौर्या पुलिस पूछताछ में लगातार अहम राज कबूल रहा है। पुलिस जांच में सामने आया है कि गंगा इंफ्रासिटी कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश मौर्या ने जल्द अमीर बनने के लिए बिट क्वाइन की तर्ज पर इल्लीगल तरीके से एनबीडब्ल्यूटीसी क्वाइन लांच दिया था। इसका नोएडा में ऑफिस ओपन किया था, जिसका हेड मेरठ के आदित्य को बनाया गया था। इसमें उसने करीब 20 करोड़ रुपए निवेशकों को डुबा दिए हैं, जबकि वह पुलिस से कह रहा है कि उसने जिन लोगों को फ्रेंचाइजी दी, उन्होंने उसकी रकम मार ली। पुलिस इस केस में रियल स्टेट, एनबीडब्ल्यू क्वाइन और लोन के मामलों के तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच कर रही है। पुलिस ने संडे को उसकी निशानदेही पर कुशीनगर से अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके अलावा चित्रगुप्त पुरम ऑफिस से भी निवेशकों के इनवेस्टमेंट से जुड़ी 711 रसीदें बरामद की हैं।

 

माइनिंग मशीन भी लगाई

राजेश मौर्या ने एनडब्ल्यूटीसी क्वाइन की कीमत 10 पैसा रखी थी। उसके बाद 20 पैसा, 50 पैसा और डेढ़ रुपए तक दाम बढ़ाए गए। इसमें पैसा लगाने के लिए बाकायदा एक एप भी लांच किया गया। जिसके तहत क्वाइन में इनवेस्ट करने पर डेढ़ वर्ष में 15 गुना तक रकम मिलने का लालच दिया गया। इसमें उसने शर्त रखी थी कि एक लाख रुपए से कम रुपए के क्वाइन नहीं मिलेंगे। उसके बाद किसी को रुपए नहीं दिए बल्कि फर्जी रसीदें थमा दीं। इस मामले में भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। अब पुलिस इस ठगी से जुड़े लोगों के प्रार्थना पत्र शामिल कर रिकार्ड इकट्ठा कर रही है.

 

5 रजिस्टर में कंपनी का राज

पुलिस की टीम ने कुशीनगर में राजेश के घर से एक बैग जब्त किया है। इस बैग में 5 रजिस्टर हैं, जिनमें कंपनी का बही खाता लिखा हुआ है। राजेश ने यह बैग बरेली से भागने के बाद अपने घर में छिपा दिया था। जब पुलिस यहां पहुंची तो घर में राजेश की मां व अन्य रिश्तेदार ही मिले।

 

अब तक 711 निवेशक का मिला रिकार्ड

पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बरेली स्थित हेड ऑफिस से दो अलमारियों से दस्तावेज जब्त किए हैं। यहां से पुलिस को 711 रसीदें मिली हैं, जिसमें कई डबल व ट्रिपल भी हैं। इनमें 431 कैश और 280 चेक से इन्वेस्टमेंट की रसीदें हैं। इसके अलावा उसने कई लोगों को एग्रीमेंट किए हैं, जिससे निवेशकों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है। इस ऑफिस से बैलेंस सीट और आईटीआर के भी रिकार्ड मिले हैं।

 

अब तक 150 प्रार्थना पत्र आए

पुलिस के पास अब तक इनवेस्टर्स के करीब 150 प्रार्थना पत्र सामने आ चुके हैं। पुलिस ने संडे को एफआईआर दर्ज करने वाले 13 निवेशकों को बुलाकर उनके बयान रिकार्ड किए और उनसे इन्वेस्मेंट के रिकार्ड भी लिए। अब पुलिस इन सभी को भी बुलाएगी और रिकार्ड का मिलान करेगी।

 

दो-दो लाख जमा करने को कहा था

पुलिस पूछताछ में राजेश मौर्या ने बताया कि उसने कुछ दिनों पहले कंपनी की मीटिंग की थी। उसने कहा था कि कंपनी को कुछ घाटा हुआ है। सभी हेड लोग अपने-अपने ऑफिस से दो-दो लाख रुपए जमा करा दें ताकि इन्वेस्टर्स का पैसा समय पर दे दिया जाए लेकिन किसी ने रुपए जमा नहीं किए गए थे। राजेश मौर्या कंपनी में मंथली, ईयरली व अन्य तरह से इनवेस्टमेंट के प्लान चला रहा था। उसकी मानें तो उसने 18 जून तक का सभी को पेमेंट भी कर दिया था। 18 जुलाई को भी पेमेंट करना था लेकिन उससे पहले भी मामला गड़बड़ा गया। पुलिस अपने सीए से बैलेंस सीट और आईटीआर चेक कराएगी।

 

52 हजार रुपए और बरामद

300 करोड़ के मालिक राजेश मौर्या से पुलिस अभी तक दो लाख रुपए तक भी बरामद नहीं कर सकी है। जब पुलिस ने उसे पकड़ा था तो उसके पास से 1 लाख 37 हजार रुपए बरामद किए थे। संडे को पुलिस ने उसके ऑफिस की अलमारियों से 52,550 बरामद किए हैं।