RANCHI : रिम्स में मरीजों की जान के साथ किस तरह खिलवाड़ हो रहा है, इसकी बानगी फिर सामने आई है। हैरानी की बात है कि जिस डिस्पोजेबल सिरींज का सिर्फ एकबार इस्तेमाल होना है, उसका यहां बार-बार इस्तेमाल हो रहा है। एक ही डिस्पोजेबल सिरींज से एक ही मरीज को बार-बार सुई दी जा रही है। इतना ही नहीं, इसी डिस्पोजल सिरींज का इस्तेमाल यहां इलाजरत दूसरे मरीजों पर भी हो रहा है। गुरुवार को रिम्स की डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ वसुंधरा और मेट्रॉन विजया लक्ष्मी ने मेडिसीन वार्ड के यूनिट का इंस्पेक्शन किया तो यूज्ड सिरींज के इस्तेमाल की बात सामने आई।

मिली थी सूचना

रिम्स के डिप्टी सुपरिटेंडेंट व मेट्रॉन को मेडिसीन वार्ड में यूज्ड डिस्पोजल सिरींज के इस्तेमाल किए जाने की सूचना मिली थी। ऐसे में दोनों ने मेडिसीन वार्ड के डॉ आरके झा, डॉ जेके सिंह, डॉ उमेश प्रसाद और डॉ जेके मित्रा की यूनिट पहुंचीं तो यहां एडमिट मरीजों के पास कुछ डिस्पोजल सिरींज पड़े हुए थे। जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि ये यूज्ड सिरींज हैं, जिसका इस्तेमाल मरीजों को सुई देने के लिए हो रहा है। एक ही डिस्पोजेबल सिरींज से एक ही मरीज को बार-बार सुई देने अथवा उसके दूसरे मरीज पर इस्तेमाल देने के मामले को उन्होने काफी गंभीरता से लिया है।

तीन महीने पहले भी आया था मामला

मेडिसीन वार्ड में यूज्ड सिरींज के इस्तेमाल बार-बार किए जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। तीन महीने पहले डिप्टी सुपरिटेंडेंट ने जब मेडिसीन वार्ड के डिफरेंट यूनिट का जायजा लिया था तो डिस्पोजल सिरींज के एक बार से ज्यादा इस्तेमाल किए जाने के मामले का खुलासा हुआ था। इस दौरान नर्सेज को चेतावनी भी दी गई थी, पर एकबार ऐसी इस तरह की बात सामने आने से साबित हो गया कि रिम्स में सिस्टम बेपटरी हो गई है।

जारी होगा शो-कॉज

मेडिसीन वार्ड के डिफरेंट यूनिट्स में यूज्ड सिरीज के इस्तेमाल की बात सामने आने पर शुक्रवार को सभी यूनिट के इंचार्ज नर्सेज को शो-कॉज जारी किया जाएगा। इन्हें 24 घंटे के अंदर अपना पक्ष रखना है। इनका संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर जिम्मेवार नर्सेज का वेतन काटने के साथ आगे की भी कार्रवाई की जाएगी।

मरीज हैं अनजान

आश्चर्य की बात है कि मेडिसीन वार्ड में इलाज के लिए एडमिट मरीज इस बात से अनजान हैं कि उन्हें सुई देने के लिए एक ही डिस्पोजेबल सिरींज का बार-बार इस्तेमाल किया जा रहा है। मरीजों ने कहा कि वे यहां बीमारी ठीक कराने के लिए आए हैं, पर यहां जिस तरह की व्यवस्था है, उसमें मर्ज ठीक होने की बजाय और बढ़ जाएगा। अगर इसी तरह डिस्पोजेबल सिरींज का बार-बार इस्तेमाल होता रहेगा तो हमें कई दूसरी संक्रामक बीमारी हो जाएगा। अब तो यहां इलाज कराने में भी डर लग रहा है।

दूसरे वार्डो में भी तो यूज्ड सिरींज का इस्तेमाल तो नहीं

मेडिसीन यूनिट में यूज्ड डिस्पोजल सिरींज के इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आने के बाद यह आशंका भी मंडराने लगी है कि दूसरे वार्डो में भी तो कहीं डिस्पोजेबल सिरींज का एकबार से ज्यादा इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा है। मरीजों का कहना है कि यहां के सभी वार्डो में इसकी जांच की जानी चाहिए। जिस भी वार्ड में यूज्ड सिरींज के इस्तेमाल की बात सामने आए, उसके इंचार्ज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। यह कहीं न कहीं मरीजों के इलाज के नाम पर उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

नर्सेज ने बताई अपनी समस्या

मेडिसीन वार्ड में डिस्पोजेबल सिरींज के बार-बार इस्तेमाल किए जाने के बाबत नर्सेज ने बताया कि यहां जितनी जरूरत है, उस हिसाब से डिस्पोजेबल सिरींज उपलब्ध नहीं कराई जाती है। जो मरीज भर्ती हैं, उन्हें जब डिस्पोजेबल सिरींज खरीद कर लाने के लिए कहा जाता है तो वे इसे मानते नहीं है। ऐसे में मजबूरी में हम एक ही डिस्पोजेबल सिरींज का इस्तेमाल बार-बार मरीजों को सुई देने के लिए करते हैं।