- आरपीएफ इंस्पेक्टर ने गाजीपुर थाने में दर्ज कराई थी एफआईआर

- भीख मांगने वाला गैंग नाबालिग बच्चियों से कराता था देह व्यापार

- गैंग के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, दोनों बच्ची गई आशा गृह केंद्र में

LUCKNOW :

बादशाह नगर रेलवे स्टेशन पर 27 जुलाई को रोज की तरह चहल-पहल थी। गाडि़यों के आवागमन के साथ पैसेंजर्स भी आ-जा रहे थे। स्टेशन की सुरक्षा में तैनात आरपीएफ इंस्पेक्टर एमके खान अपने सहकर्मियों के साथ गश्त कर रहे थे, तभी स्टेशन के बाहर एक कोने में उन्हें दो बच्चियों को कुछ लोगों के साथ खड़ा देखा। मामले को जानने जब वे बच्चियों की ओर जाने लगे तो बच्चियों के पास खड़े लोग भागने लगे। शक होने पर उन्होंने तुरंत दौड़कर भाग रहे एक युवक को दबोच लिया।

खाने के बदले सौदा

पकड़े गए युवक और दोनों नाबालिग बच्चियों ने आरपीएफ को बताया कि वह लावारिस हैं। कई दिनों पहले वह रोड पर घूम रहे थे तभी खुर्रम नगर इलाके में भीख मांगने वाले विजय बद्री उर्फ बंगाली ने उन्हें सहारा दिया। दो वक्त का अच्छा खाना खिलाने के नाम पर वह उनसे देह व्यापार करता है। बच्चियों की आपबीती सुनकर आरपीएफ जवानों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई।

खुद पहुंचे गाजीपुर थाने

इन्हें पुलिस के सुपुर्द करने की जगह आरपीएफ इंस्पेक्टर बच्चों को लेकर खुद गाजीपुर थाने पहुंचे और आरोपी विजय बद्री उर्फ बंगाली के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस ने इस मामले में तीन और लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। वर्तमान में इस मामले की जांच कर रहे एसएसआई राजदेव मिश्रा ने बताया कि बच्चों से देह व्यापार करने वाले आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। सभी आरोपी अभी जेल में बंद हैं।

घर का भी नहीं पता

दोनों बच्चियों को बस इतना याद है कि वह बाराबंकी की रहने वाली हैं। न उन्हें अपने घर का पता मासूम है और न ही उनके घर वाले कभी उन्हें लेने आए। बच्चियों पर होने वाले अत्याचार की कहानी सुनकर एक समाजसेवी संस्था आगे आई। उन्होंने सीडब्लूसी के समक्ष बच्चियों को पेश किया और फिर नई आशा गृह में भेज दिया गया। आज दोनों बच्चियां अपने नन्हें मुन्हें साथियों के साथ हंसती और खेलती हैं। उनका दर्द अब उनके साथी बांट लेते हैं। उन्हें अपना परिवार तो नहीं मिला लेकिन उन्हें परिवार के रुप में कुछ अपने जरूर मिल गए हैं।