सर्किल बदलने पर भी ग्र्राहक पुराना नंबर रख सकेंगे और किसी भी सर्किल में एमएनपी करा सकेगा.

एमएनपी हो सकेगी राष्ट्रीय स्तर पर लागू

शहर और प्रदेश बदलते ही मोबाइल नंबर बदलने की मजबूरी से अब जल्दी ही आपको निजात मिलने जा रही है. दूरसंचार नियामक ट्राई की चली तो अगले छह माह में फुल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) को राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर दिया जाएगा. इसके तहत ग्र्राहकों को एक टेलीकॉम सर्किल से दूसरे सर्किल में जाने पर भी अपना नंबर बरकरार रखते हुए दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर की सेवा लेने की सुविधा मिलेगी. ट्राई ने ग्र्राहकों को एमएनपी का असली लाभ दिलाने के लिए यह सिफारिश की है.

ग्राहक को नंबर बदलने की जरुरत नहीं

एमएनपी के तहत अभी तक ग्र्राहकों को केवल एक ही सर्किल में ऑपरेटर बदलने की सुविधा है. राष्ट्रीय स्तर पर एमएनपी लागू होने के बाद सर्किल बदलने पर ग्र्राहकों को मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उदाहरण के तौर पर आंध्र प्रदेश का कोई ग्र्राहक कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा या किसी अन्य प्रदेश में भी अपना मोबाइल नंबर पोर्ट करा सकता है.

दूरसंचार विभाग को दी गई सिफारिश

ट्राई ने फुल एमएनपी लागू करने के तरीके को लेकर इसी साल विभिन्न संबंधित पक्षों से राय मांगी थी. साथ ही इसके लिए मौजूदा नियमों में बदलाव की जरूरतों पर भी राय मांगी गई थी. नियामक ने एक बयान में कहा कि विभिन्न मसलों पर विचार-विमर्श के बाद फुल एमएनपी के लिए सिफारिशें दूरसंचार विभाग (डॉट) को सौंपी गई हैं. इन सिफारिशों को लागू करने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों को छह माह का समय दिया जाएगा.

एमएनपी सर्विस

ट्राई ने कहा कि फुल एमएनपी लागू होने पर ऑपरेटर को किसी भी लाइसेंस सर्विस एरिया (एलएसए) के ग्र्राहक की एमएनपी रिक्वेस्ट स्वीकार करनी होगी. फुल एमएनपी लागू करने के लिए डॉट एमएनपी सर्विस लाइसेंस के मौजूदा नियमों में जरूरी बदलाव कर सकता है. नियामक ने कहा कि डॉट ऑपरेटरों की मांगो पर विचार करके स्वीकार्यता परीक्षण शुल्क में 25 फीसद की कमी कर सकता है.

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