अधिकतम पारा-40.7

न्यूनतम पारा-26.5

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-दो दिन नरमी बरतने के बाद गर्मी ने दिखाया उग्र रूप

-पछुआ की गति में लगी लगाम लेकिन नहीं मिली राहत

ALLAHABAD: दो दिन तक गरजने के बाद बिना बरसे गुजराती बादल लौट गए। इसका असर यह हुआ कि दो दिन तक गुलाबी मौसम रहने के बाद रविवार को एक बार फिर गर्मी ने अपने तेवर दिखा दिए। गर्मी के साथ उमस ने भी लोगों को बेहाल किया जिससे पारा उछलकर तीन डिग्री ऊपर चला गया। ऐसे में लोगों को अब पूरब दिशा से आने वाले बादलों का इंतजार करना होगा।

मौसम के पलटने से लोग बेहाल

बता दें कि तीन दिन पहले तक आसमान से आग बरस रही थी। पारे के ब्7 डिग्री पार कर जाने के बाद अचानक मौसम ने नरमी दिखाई तो लोगों ने राहत की सांस ली। ऐसा लगा कि अब झमाझम बारिश होगी। आसमान में काले घने बादल छाए और छुटपुट बूंदा-बांदी करके चले गए। इसके बाद रविवार सुबह लोग उठे तो आसमान सूर्यदेव अंगारे बरसा रहे थे। इससे लोग परेशान हो उठे। इसके बाद दिनभर तेज धूप और उमस ने सभी को बेहाल रखा।

तीन डिग्री उछला पारा

शनिवार को अधिकतम तापमान फ्7.ख् डिग्री था जो रविवार को बढ़कर ब्0.ख् डिग्री हो गया। अचानक हुए तीन डिग्री के उछाल का असर भी नजर आया। मौसम विज्ञानी डॉ। एसएस ओझा बताते हैं कि पछुवा हवाएं उत्तर पश्चिम का कोना पकड़कर बह रही हैं। बीते चौबीस घंटे में इनकी रफ्तार कुंद तो पड़ी है, पर जब तक पूरब की हवाएं नहीं चलती बारिश की संभावना कम ही है। पश्चिम की बादल आएंगे भी तो बूंदाबांदी करके लौट जाएंगे।

साल दर साल पिछड़ रहा मानसून

समय के साथ मानसून का पिछड़ना जारी है। पश्चिमी हवाओं के ताकतवर होने से ऐसा हो रहा है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो कुछ साल पहले तक आषाढ़ में खेतों में पानी भर जाता था जिससे जुताई शुरू हो जाती थी। वर्तमान हालात में ऐसा नहीं है। शीतकाल के विलंब से मौसम में जो बदलाव शुरू हुआ वह लगातार जारी है। इस बदलाव के कारण मानसून लड़खड़ा सकता है।