लखनऊ (आईएएनएस)। Lockdown उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लाॅकडाउन हटाए जाने के बाद चुनौतियों का सामना करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा के लिए शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। राज्य में कोरोनोवायरस महामारी से निपटने के लिए गठित टीम 11 की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में शेल्टर होम में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों को रखा गया हैं। ऐसे में लाॅकडाउन हटने के बाद लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि लाॅकडाउन हटने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन रखने का ख्याल रखना होगा। कोरोना पॉजिटिव रोगियों की रिपोर्ट करने वाले 16 जिलों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा।

लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया सकता

सूत्रों ने कहा कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया सकता है। सिनेमा हॉल और शॉपिंग मॉल कुछ और दिनों तक बंद रह सकते हैं और स्कूलों और कॉलेजों के बारे में भी निर्णय लिया जाएगा। लाॅकडाउन के बाद भी फूड की डोर डिलीवरी जारी रखनी होगी क्योंकि लोग तुरंत काम पर नहीं लौट सकते। सामुदायिक रसोई हर जिले में काम करती रहेगी और खाने के पैकेट के लिए संग्रह केंद्र भी जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएसएस, एनसीसी, स्काउट्स और युवा मंगल दल सहित एक स्वयंसेवी बल को संकट को दूर करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। स्वयंसेवी बल को भोजन के वितरण में भी तैनात किया जा सकता है।

सीएम ने डॉक्टरों की एक सूची तैयार करने को कहा

सीएम योगी ने अधिकारियों से निजी चिकित्सकों और डॉक्टरों की एक सूची तैयार करने को कहा, जो फोन पर आम आदमी के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये का कोरोना केयर फंड स्थापित करने का निर्णय लिया है जिसका उपयोग वेंटिलेटर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और अन्य चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा। कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी योजना के तहत कॉरपोरेट क्षेत्र से भी दान लिया जाएगा। राज्य सरकार उन लोगों के लिए भी एफआईआर की डोरस्टेप डिलीवरी लागू कर सकती है जो लोग लाॅकडाउन का उल्लंघन और पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। इसमें पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी।

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