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LUCKNOW : कुछ इन्हीं संभावनाओं को अब राज्य सरकार हकीकत में उतारने की तैयारी में है। जनवरी में वाराणसी में होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस और प्रयागराज में होने वाले कुंभ में आमंत्रित प्रवासी भारतीयों का पूरा सत्कार करने के साथ उनकी हर समस्या को भी सुलझाने की तैयारी है ताकि वे केंद्र और राज्य सरकार को इस परफॉर्मेंस पर फुल माक्र्स दें और वापस जाने पर इसका प्रचार-प्रसार भी करें।

पहली बार बनेगा डाटा बेस
प्रवासी भारतीय सूबे के विकास और चुनाव में कितने उपयोगी साबित हो सकते हैं, इसके लिए राज्य सरकार पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस और कुंभ में आने वाले एनआरआई का डाटाबेस तैयार करने की तैयारी में है। साथ ही उनके अन्य संपर्कों के बारे में भी जानकारी जुटाई जानी है। इसके लिए एनआरआई विभाग ने कई तैयारियां की है। प्रवासी भारतीयों का डाटाबेस बनने के बाद उसे संबंधित विभागों की वेबसाइट से लिंक किया जाएगा ताकि उनकी हर समस्या का पता लगाया जा सके और उसको आसानी से सुलझाया जा सके। साथ ही एनआरआई विभाग की वेबसाइट को कुंभ की वेबसाइट से भी जोड़ा जाएगा ताकि पर्यटकों को हर वह जानकारी मिल सके जो यहां प्रवास के दौरान उनके काम आ सकती है।

पुलिस विभाग पर खासा ध्यान
प्रवासी भारतीयों की ज्यादातर समस्या भूमि विवाद इत्यादि की रहती है और इस बाबत वे अक्सर यूपी पुलिस से संपर्क भी साधते रहते हैं। इसे ध्यान में रखकर यूपी पुलिस ने हाल ही में एनआरआई के लिए खास ट्विटर हैंडल भी लांच किया था। राज्य सरकार ने एनआरआई विभाग और डीजीपी मुख्यालय के इस ट्विटर हैंडल पर आने वाली शिकायतों का संयुक्त आकलन करने के निर्देश दिए है ताकि इनकी पुनरावृत्ति न हो और जल्द समाधान किया जा सके। पुलिस द्वारा प्रवासियों की मदद के लिए उठाए गए कदमों को एक पुस्तक रूप में संकलित कर प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में प्रवासियों को प्रदान की जाने वाली किट में दिया जाएगा।

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