लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश इस दिवाली गौरी-गणेश की मूर्ति में चीनी एकाधिकार को चुनौती देने के लिए तैयार है। इस दिवाली पर मूर्ति बाजार में मेड इन इंडिया का जलवा होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, माटी कला बोर्ड इस प्रयास का नेतृत्व करेगा। इस महीने आयोजित होने वाली ऑनलाइन कार्यशाला में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्राफ्ट एंड डिजाइन (IICD, जयपुर), महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिकीकरण संस्थान (MGRII, वर्धा), राष्ट्रीय फैशन और प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT, रायबरेली) और UP के विशेषज्ञ शामिल हैं। उनकी विशेषज्ञता गौरी-गणेश प्रतिमाओं को बनाने में काफी मदद करेगी।

कार्यशालाओं में बड़ी टेलीविजन स्क्रीनें लगाई जाएंगी

ऑनलाइन वर्कशाॅप या तो सभी डिवीजनों के उद्योगों के महाप्रबंधकों के कार्यालयों में या कहीं और आयोजित की जाएगी। कार्यशालाओं में बड़ी टेलीविजन स्क्रीनें लगाई जाएंगी और मूर्तिकार वहां मौजूद होंगे। हालांकि इस दाैरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन होगा। मूर्तिकला के विशेषज्ञ समस्याओं को सुलझाने में मदद करेंगे, मूर्तियों को बनाने के लिए जरूरी स्किल और इनपुट देंगे। उदाहरण के लिए निफ्ट के विशेषज्ञ उन्हें तैयार उत्पादों की सुरक्षित पैकेजिंग पर जानकारी देंगे।

एक राज्य-स्तरीय मैनुअल वर्कशाप आयोजित होगी

एमजीआरआईआई के विवेक मसानी गैस भट्टियों की फायरिंग की प्रक्रिया की व्याख्या करेंगे। ललित कला और मूर्तिकला विशेषज्ञ केके श्रीवास्तव और अमरपाल अपने दो दशकों के अनुभव को साझा करेंगे। अगस्त में गोरखपुर में एक राज्य-स्तरीय मैनुअल वर्कशाप आयोजित होगी। गोरखपुर वह स्थल है जिसने औरंगाबाद के भटहट कस्बे और आसपास के गांवों के लोगों ने टेराकोटा के काम की कला में महारत हासिल की है। इन गांवों के कई लोगों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उनके कौशल के लिए सम्मानित किया गया है।

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