- 'क्लीन यूपी, ग्रीन यूपी' मुहिम ने दिखाया रंग, बना रिकॉर्ड

- महज 12 घंटे में ही पांच करोड़ पौधे लगाने का दावा

- मुख्यमंत्री लगातार करते रहे अभियान की मॉनिटरिंग

LUCKNOW: यूपी ने चौबीस घंटे से भी कम समय में पांच करोड़ पौधे लगाकर व‌र्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर लिया। रात साढ़े आठ बजे पांच करोड़ पौधे लगाने के 'जादुई' आंकड़े को छू लिया गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विशुद्ध 'सरकारी मुहिम' सोमवार को 'जनआंदोलन' में तब्दील होती चली गयी। पूरे प्रदेश में करोड़ों हाथ मुख्यमंत्री के सपने को साकार करने को बेताब दिखे और उन्होंने पांच करोड़ से ज्यादा पौधे लगाकर प्रकृति की सुंदरता में इजाफा करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। इसके साथ ही यूपी पूरे विश्व को भी यह संदेश देने में कामयाब रहा कि पर्यावरण संरक्षण में वह विश्व में अगुवा बन चुका है।

मुख्यमंत्री करते रहे मॉनिटरिंग

राजधानी के बाद कानपुर देहात और फिर कन्नौज में पौधरोपण अभियान का आगाज करने वाले मुख्यमंत्री इतने पर ही नहीं थमे। करीब तीन बजे राजधानी वापस आने के बाद उन्होंने एक कार्यक्रम में शिरकत की और तुरंत वन विभाग के कमांड सेंटर जाकर पौधरोपण अभियान की मॉनिटरिंग में जुट गये। शाम पांच बजे तक सूबे में चार करोड़ से ज्यादा पौधे लगाये जा चुके थे। रात आठ बजते ही यह आंकड़ा चार करोड़ 94 लाख तक जा पहुंचा। वहीं मुख्यमंत्री ने अभियान को तेज गति देने के लिए अपने ट्विटर अकाउंट से पौधरोपण के आंकड़े भेजने शुरू कर दिए। रात साढ़े आठ बजे मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने दावा किया कि पूरे प्रदेश में 12 घंटों के भीतर पांच करोड़ पौधे रोपित किए जा चुके है।

नेताओं के साथ सरकारी मशीनरी भी जुटी

मुख्यमंत्री की इस मुहिम में राजनेताओं के साथ सरकारी मशीनरी ने भी अभियान को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पूरे प्रदेश में जनप्रतिनिधियों के साथ सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसके अलावा स्कूली बच्चों से लेकर सैन्य बलों, एनसीसी, एनएसएस स्वयंसेवक, ग्रामीण तक ने इस मुहिम में हिस्सा लिया। सूबे के 6161 जगहों पर पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी हो रही थी जिसके लिए खास सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप विकसित किया गया था। वहीं थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग का जिम्मा अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था टेरी (दि इनर्जी रिसर्च इंस्टीटयूट) को दिया गया था। टेरी ही रोपित किए जाने वाले पांच करोड़ पौधों द्वारा भविष्य में किए जाने वाले कार्बन सिक्वेस्ट्रेशन का आकलन भी करेगी।

छह लाख मीट्रिक टन कार्बन संचित होगा

कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार ने कहा कि रोपे जाने वाले पांच करोड़ पौधे भविष्य में पेड़ बनकर हवा में मौजूद कार्बन डाइ आक्साइड से कार्बन को अवशोषित कर उसे जमीन में पहुंचाने का काम करेंगे। पेड़ बनकर यह पौधे छह लाख मीट्रिक टन कार्बन का संचय करेंगे।

पहले भी बने रेकॉर्ड

इससे पहले वन विभाग ने जुलाई 2007 में एक ही दिन में एक करोड़ पौधे रोपकर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराया था। वहीं पिछले साल सात नवंबर को आठ घंटे में प्रदेश के 10 स्थानों पर 10.53 लाख पौधे वितरित और रोपकर भी वन विभाग गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा चुका है।

एक नजर

- अभियान के तहत 6161 जगहों पर शीशम, सागौन, नीम, कंजी, अर्जुन, इमली, गूलर, महुआ, जामुन, बेल, बहेड़ा, हरड़, पीपल, पाकड़ समेत 80 प्रजातियों के पौधे रोपित

- जनसहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रत्येक रोपण स्थल को एक शिक्षण संस्थान अथवा स्वयंसेवी संस्थान से जोड़ा गया

- मुख्यमंत्री द्वारा जनप्रतिनिधियों से अपने जनपद में हो रहे वृक्षारोपण कार्य में सम्मिलित होकर एक-एक पौधा रोपित करने कर आह्वान किया गया। जिसके बाद मंत्रिमंडल के सहयोगियों के अलावा पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने इस मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

- मुख्यमंत्री द्वारा 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस को पौधरोपण अभियान के लिए चुना गया ताकि बढ़ती जनसंख्या के कारण पर्यावरण को हो रही क्षति की पूर्ति की जा सके।

- वन विभाग द्वारा सिंचाई विभाग तथा नोएडा विकास प्राधिकरण के सहयोग से प्रदेश के दस चिन्हित स्थानों पर आठ घंटे के भीतर दस लाख 53 हजार 108 पौधों का रोपण के लिए वितरण कर गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉ‌र्ड्स के तहत विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया।

- राजधानी स्थित कुकरैल वन रेंज में अतिक्त्रमण हटवाकर बाउंड्रीवाल बनवाने में सराहनीय योगदान देने वाले नौ अधिकारियों व कर्मचारियों को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

एक नजर

5 करोड़ पौधे रोपे गए

1 दिन में सपना साकार

6161 जगहों पर अभियान

80 प्रजातियों के पौधे रोपित

6 लाख मीट्रिक टन कार्बन का संचय

1 करोड़ पौधे एक ही दिन में 2007 में रोपकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था।

लखनऊ

12,82864 पोधे रोपे गए

127 जगहों पर हुआ प्लांटेशन

852 हेक्टेयर एरिया कवर हुआ