-हादसे में छह लोगों की डूबने से हुई मौत, 3 को गोताखोरों ने बचाया

-अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचा था आगरा का परिवार

अयोध्या

अयोध्या में शुक्रवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया। यहां गुप्तार घाट पर सरयू नदी में नहाने के दौरान आगरा के एक परिवार के 15 लोग डूब गए। हादसे में 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। उनके शव मिल गए हैं। खबर लिखे जाने तक 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं। उनकी तलाश में गोताखोर अभियान चला रहे हैं। जबकि 6 लोगों को बचा लिया गया है। इनमें से 3 को अस्पताल में एडमिट कराया गया है। वहीं, आगरा में हादसे की जानकारी के बाद परिवार में कोहराम मच गया।

तेज बहाव में फंसे

आगरा के सिंकदरा थानाक्षेत्र स्थित शास्त्रीपुरम में रहने वाला 15 लोगों का अशोक गोयल और सतीश का परिवार शुक्रवार को अयोध्या पहुंचा। दोपहर में सभी सदस्य गुप्तार घाट में स्नान कर रहे थे, तभी परिवार की दो महिलाएं फिसल गईं और नदी के तेज बहाव में फंस गईं। उन्हें बचाने के लिए आसपास स्नान कर रहे परिवार के अन्य सदस्य आगे आए। वह सभी सरयू के तेज बहाव में फंस गए और बहने लगे। वहां चीख-पुकार मच गई। आवाज सुनकर आसपास के लोगों की सूचना पर पुलिस और गोताखोरों की टीम पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया। घटनाक्रम की जानकारी मिलते ही डीएम अनुज कुमार झा व एसएसपी मौके पर पहुंचे। सरयू में जलस्तर में बढ़ने के कारण बचाव में परेशानी आ रही है। गुप्तार घाट के पूर्व के सभी घाटों पर नजर रखी जा रही है आगे के पुलिस स्टेशनों को भी अलर्ट किया गया है।

3 की तलाश जारी

इस दौरान परिवार के 3 लोग जैसे-तैसे तैरकर बाहर आ गए, जबकि 3 लड़कियों को गोताखोरों व आसपास के लोगों ने बचा लिया। महिलाओं समेत परिवार के 9 लोग तेज जलधारा में बह गए। गोताखारों ने तलाश अभियान चलाया तो करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद 6 के शव मिल गए, जबकि 3 का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। उनकी तलाश की जा रही है।

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सीएम योगी ने लिया संज्ञान

हादसे की जानकारी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को पीडि़तों की हरसंभव मदद के निर्देश दिए हैं। लोगों की सकुशल तलाश के लिए पीएसी के गोताखोर लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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गृह प्रवेश से पहले थी श्रीराम दर्शन की कामना

्र-छोटे बेटे के लिए बनवाया मकान, तीन दिन पहले ही पूरा हुआ था काम

-दो बेटों, चार बेटियां बच्चों सहित गए थे माता-पिता के साथ

आगरा: बड़े अरमानों से छोटे बेटे के लिए नया मकान बनवाया था। कामना की थी कि गृह प्रवेश से पहले सरयू स्नान कर परिवार के साथ राम लला के दर्शन करेंगे। उसी के चलते अशोक गोयल स्वजन के साथ अयोध्या गए थे।

बनाया है नया मकान

अशोक गोयल के बेटे पद्मेश ने बताया कि पिता ने छोटे भाई पंकज के लिए पड़ोस में ही नया मकान बनवाया है। एक साल पहले उसकी नींव रखी गई थी, परसों ही यह तैयार हुआ है। गृह प्रवेश से पहले सरयू स्नान कर राम लला के दर्शन करने मां और पिता दोनों भाइयों, चारों बहनों और अन्य परिजन के साथ गुरुवार शाम को दो कार से अयोध्या रवाना हुए। वह, पत्नी खुशी एक वर्षीय बेटे ईशान के साथ यहीं रुक गए थे।

सभी बेटों के अलग मकान

ताजगंज में दौना-पत्तल की दुकान करने वाले अशोक गोयल के तीन पुत्र थे। सबसे बड़े ललित, जो पिता के साथ काम संभालते थे। उससे छोटे पद्मेश दिव्यांग हैं और सिकंदरा पुल के नीचे दौने-पत्तल की दुकान चलाते हैं। सबसे छोटा बेटा पंकज सेल्समैन था। पिता ने ललित और पद्मेश के लिए घर बनवा दिया था। छोटे बेटे पंकज के लिए नया घर बनवाया।

बेटे-बहु पर टूटा पहाड़

अशोक गोयल का भरा पूरा परिवार जरा सी देर में बिखर गया। पद्मेश और खुशी को परिवार के साथ हुए हादसे की खबर मीडिया और पड़ोसियों से मिली, तो उन पर पहाड़ टूट पड़ा। खुशी रोते-रोते कई बार बेहोश हो गई, जिसे पड़ोसियों ने बमुश्किल संभाला।

हर आंख हुई नम

अशोक गोयल और उनका परिवार बेहद सामाजिक था। पड़ोसियों का कहना है कि कई वर्ष रहते हुए बीत गए, लेकिन उनकी किसी से कहा-सुनी तक नहीं हुई। परिवार काफी धार्मिक भी था, हर महीने कहीं न कहीं दर्शन के लिए जाते थे। हादसे की खबर से पड़ोसियों की आंखें भी नम नजर आईं।

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ऐसा हादसा अब कभी न हो

-अफसोस के आगोश में छटपटाता रहा गुप्तारघाट

-हादसे को लेकर मर्माहत दिखा शांति प्रदान करने वाला पौराणिक स्थल

जेएनएन, अयोध्या : मन को शांति प्रदान करने वाले गुप्तारघाट पर अशांति का कब्जा दिखा। स्वस्थ मनोरंजन का केंद्र कहा जाने वाला घाट आज अफसोस के आगोश में छटपटा रहा था। शोकाकुल वातावरण स्वाभाविक था, सरयू के आंचल में श्रद्धा निवेदित करने पहुंचे एक ही परिवार के 12 लोग नदी में हादसे का शिकार हो चुके थे। छह लोगों का जीवन समाप्त हो गया था, जबकि लापता तीन लोगों की ¨जदगी भी भंवर में है। बचाए गए छह लोग सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। दुख और हताशा भरे माहौल के बीच चर्चा थी तो सिर्फ आगरा के रहने वाले अशोक कुमार के स्वजन के साथ हुए हादसे की। सरयू की लहरों से लड़ने वाले बड़े-बड़े धुरंधर गोताखोर भी सहम गए। इतिहास में पहली बार इतनी गंभीर घटना हुई कि लोग अवाक रह गए। हर कोई पीडि़तजनों को ढांढस बंधाने में लगा था।

दास्तां सुनाकर रो रहे थे अशोक

अपनी उजड़ चुकी दुनिया का एहसास अशोक गोयल को हो चुका था। हादसे की दास्तां सुनाते वह रो पड़ते हैं। कहते हैं पूरा परिवार उजड़ गया। दामाद सतीश और नाती नमन के साथ एंबुलेंस में सवार होकर अशोक जिला अस्पताल रवाना हुए ही थे, कि उनकी मासूम पौत्री धैर्या सकुशल नदी से निकाल ली गई, लेकिन धैर्या के पिता ललित, चाचा पंकज, नानी राजकुमारी और रिश्तेदार श्रुति, सीता और दृष्टि का साथ हमेशा के लिए उससे छूट चुका था। अशोक के दामाद सतीश कहते हैं कि वह तीन दिनों की यात्रा पर अयोध्या आए थे, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। हादसे से ऐसा जख्म मिला है, जो जीवन भर पीड़ा देता रहेगा। बचाव कार्य में लगे छावनी परिषद के पूर्व सभासद अमरजीत निषाद स्वयं अच्छे तैराक हैं, लेकिन इस हादसे ने उन्हें भी दहला दिया। कहते हैं कि घाट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए।

आगे दिखे स्थानीय गोताखोर

हादसे के बाद ¨जदगी बचाने की जंग में फिर स्थानीय गोताखोर आगे दिखे। भगवानदीन निषाद और उनकी टीम लहरों से लड़ती हुई बचाव में लगी रही। जल पुलिस को साथ लेकर एसएसपी शैलेश पांडेय भी रेस्क्यू करते रहे। एएसपी पलाश बंसल भी एक अन्य टीम लेकर बचाव कार्य में लगे रहे। इनके संयुक्त प्रयासों से छह लोगों का जीवन सुरक्षित कर लिया गया, लेकिन इस हादसे ने गुप्तारघाट की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। हादसे में डूबे लोगों की तलाश के लिए गोंडा और बस्ती तक रेस्क्यू किया जा रहा है।

गुप्तारघाट पर लगा रहा हुजूम

हादसे की सूचना मिलते ही शहर के कोने-कोने से लोग गुप्तारघाट पहुंचने लगे। आईजी रेंज डॉ। संजीव गुप्त ने रेस्क्यू ऑपरेशन को विस्तार देने का निर्देश दिया है। पीएसी के प्रशिक्षित गोताखोरों की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। उन्होंने अधिकारियों से वार्ता कर रेस्क्यू को गति प्रदान करने का भी सुझाव दिया।