-एक बारिश से राजधानी की सड़कों की स्थिति हो जाती है बदतर

-पथरीबाग चौक से लेकर कारगी चौक तक हिचकोले खा रहे हैं वाहन

देहरादून, राजधानी की सड़कों का हाल सबको मालूम है। मिड सिटी में सड़कों की बदहाल स्थिति का कारण स्मार्ट सिटी के कार्यो को दिया जा रहा है, लेकिन शहर में कई ऐसी सड़कें हैं। जहां न विकास कार्य हो रहे हैं और न ही स्मार्ट सिटी के काम चल रहे हैं। बावजूद इसके इन सड़कों के हाल बदहाल हैं। उदाहरण के तौर पर पथरीबाग चौक से लेकर कारगी चौक तक की करीब 500 मीटर सड़क पर ही 120 गड्ढे हैं। हालात ये है कि इस सड़क पर सुबह और शाम के पीक आवर्स बजे के बीच चल पाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

ऊबड़खाबड़ रोड हो जाएगा पेट दर्द

पथरीबाग से लेकर कारगी चौक तक की सड़क पर वाहनों का चल पानी किसी एडवेंचर से कम नहीं है। बात पैदल चलने वाले राहगीरों करें तो इस सड़क पर पैदल चलने से पहले दर्जनों बार सोचना पड़ेगा। कहीं पैर न मुड़ जाए या फिर बारिश के दौरान मुंह पर कीचड़ न पड़ जाए। टू-व्हीलर से तो तमाम लोग डिसबैलेंस होकर गिरते हैं। तमाम कोशिशों के बाद संबंधित विभाग ने सड़क की मरम्मत के लिए सीमेंटेड टाइल्स बिछाना तो शुरू किया, लेकिन टाइल्स बेतरतीबी से बिछा दी गई हैं, कोई भी दुपहिया और चार पहिया वाहन टकरा जाए। सड़कों के दोनों ओर चलने वाले व्यापारियों का दर्द तो सुनने लायक है। इस रोड पर न कोई वाहन रुक पाता है और न ही व्यापारियों को ऊबड़खाबड़ रोड से राहत मिल पा रही है। यह वह जहां से रोज हजारों की संख्या में लोग पटेलनगर इंडस्ट्रियल एरिया के अलावा स्टूडेंट्स दून मेडिकल व एसजीआरआर विवि तक पहुंचते हैं।

सड़क की स्थिति को लेकर ऐसा लगता है कि सरकार जनता के प्रति जिम्मेदार नहीं है। चुनाव के वक्त नेताओं को गड्ढे नजर आ जाते हैं। लेकिन फिर पांच वर्षो तक भूल जाते हैं। राजधानी की सड़कों का ये हाल तो बाकी का अंदाजा लगाया जा सकता है।

डॉ। आशा बाला अग्रवाल, स्थानीय निवासी।

एक बारिश से इस रोड पर सबसे बड़ा चैलेंज दो पहिया वाहन चालकों को होता है। आए दिन एक्सीडेंट के मामले सामने आ रहे हैं। जनप्रतिनिधियोंसे इस बारे में शिकायत की जाती है, वे आश्वासन देकर भूल जाते हैं।

-रविकांत, स्थानीय निवासी।

काफी समय से इस रोड पर गड्ढे हैं। सड़क का पता ही नहीं चल पा हरा है। बरसात के मौसम में हर तरफ पानी ही पानी नजर आता है। बदहाल सड़क से कारोबार चौपट है। दुकान के पास पानी भर जाने कोई भी ग्राहक नहीं आ पाते हैं।

-कुसुम वर्मा, दुकानदार।

सड़क की जो मरम्मत की जा रही है, वह भी टेंपरेरी की जा रही है। आगे से मरम्मत की जा रही है। पीछे से टाइल्स उखड़ रहे हैं। यही टाइल्स सड़क दुर्घटना के कारण बन रहे हैं। इन गड्ढों से तो ई-रिक्शा तक पलट जा रहे हैं। जिससे हर वक्त खतरा बना रहता है।

-मुकेश कुमार, प्रधान, ई-रिक्शा स्टैंड, कारगी चौक