आगरा। स्टूडेंट्स को हर फील्ड में ऑल राउंडर होना चाहिए, इससे उनकी पर्सनेलिटी का विकास होता है। इससे वह सभी इंटरव्यू को आसानी से फाइट कर सकते हैं। यह कहना है संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा-2019 में ऑल इंडिया 121वीं रैंक पाने वाली नेहा बंधु का। नेहा ने परिवार के साथ शहर का भी नाम रोशन किया है। जनपद के खेरागढ़ में रहने वाली नेहा एक मध्यवर्गीय परिवार से हैं। नेहा के पिता सोम प्रकाश बंधु, पीएनबी, किरावली में प्रबंधक,जबकि मां कुसुम दिवाकर पं। दीनदयाल राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य हैं। बड़ी सिस्टर ज्योत्सना वर्तमान में इटावा में एसडीएम हैं, जबकि छोटा भाई अमित एनएलएस, नेशनल लॉ स्कूल बैंगलूर में पढ़ रहे हैं।

एक छोटी से घटना ने बना दिया आईएएस

नेहा की मां कुसुम दिवाकर ने बताया कि बचपन से ही नेहा पढ़ने में इंटेलिजेंट रही है। माता-पिता को कभी पढ़ने के लिए कहने की जरूरत नहीं पड़ी। बचपन में एक छोटे से मूवमेंट से सीख लेकर नेहा ने लाइफ में बड़ा अचीवमेंट हासिल किया। मां कुसुम ने बताया कि एक दिन नेहा उनके साथ मार्केट से शॉपिंग कर रही थीं। वहां खेरागढ़ एसडीएम द्वारा कार्रवाई की जा रही थी। यह घटना नेहा देख रही थीं। इस संबंध में उन्होंने अपने पेरेंट्स से डिस्कस किया। उन्होंने एसडीएस की तरह बनने के लिए नेहा को सविल सíवस में जाने की सलाह दी। आईएएस बनने के लिए मोटिवेट करना शुरू कर दिया।

रोल मॉडल बनी बहन ज्योत्सना

नेहा ने अपनी बड़ी बहन ज्योत्सना को फॉलो किया, जो उनकी रोल मॉडल बनीं। नेहा ने बताया कि सविल सíवस की तैयारी कराने में उनका पूरा सहयोग रहा। वर्तमान में ज्योत्सना इटावा में एसडीएम हैं। नेहा ने खेरागढ़ से हाईस्कूल और क्वीन विक्टोरिया से यूपी बोर्ड से इंटरमीडिएट किया है। इसके बाद आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग, एमटेक किया है।

लोगों को मिले योजनाओं का लाभ

नेहा ने बताया कि कई बार सरकारी की नीतियों का लाभ आम जन को नहीं मिलता है। ऐसे में आíथक रूप से कमजोर लोग योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। वर्तमान में देखा गया है कि सरकार जो लाभ की नीतियां जारी करती है, पात्रों को इसका लाभ नहीं मिलता है। अधिकारी बनकर इस व्यवस्था को अपडेट करेंगी, जिससे सीधे लोगों को लाभ मिल सके।