-ढाई वर्ष से खराब पड़े हैं कैमरे, अभी तक नहीं कराए जा सके सही
- हर छह महीने बाद होती है सुरक्षा की समीक्षा
आगरा: विश्व धरोहर ताजमहल की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से स्मारक के 500 मीटर के दायरे में लगाए गए 140 सीसीटीवी कैमरे ढाई वर्ष से खराब पड़े हैं। हर छह माह में ताज की सुरक्षा की समीक्षा होती है। इनको सही कराने पर विचार किया जाता है, मगर अभी तक कुछ नहीं हुआ।
वर्ष 2016 में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे
ताजमहल की सुरक्षा के लिए अंदर और बाहर के हिस्से को रेड और और यलो जोन में बांटा गया है। अंदर (रेड जोन) की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हवाले है। स्मारक के 500 मीटर के बाहरी क्षेत्र यानी यलो जोन में वर्ष 2016 में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। ताज के पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी गेट पर पीटीजेड (360 डिग्री पर घूमने वाले) कैमरे लगे हैं। हर महत्वपूर्ण स्थान पर स्थिर कैमरे लगे हैं। सभी कैमरे करीब ढाई वर्ष से खराब पड़े हैं। इनमें से बहुत से कैमरे कबाड़ हो गए हैं। कुछ कैमरों के बाक्स तक का पता नहीं है। इनके लिए बनाया गया कंट्रोल रूम भी कार्यरत नहीं है।
यहां लगे हैं सीसीटीवी कैमरे
ताजमहल के तीन ओर सुरक्षा का घेरा है। चौथी ओर यमुना नदी है। शिल्पग्राम की पार्किंग, पूर्वी गेट, पाठक प्रेस, दक्षिण गेट, आरके स्टूडियो, पश्चिमी गेट और यहां से बाहर निकलने वाले पूरे रास्ते पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।
-140 कुल कैमरे लगे हैं ताज के यलो जोन में।
-09 कैमरे पीटीजेड हैं, जो चारों ओर घूम सकते हैं।
-131 कैमरे स्थिर हैं, जो एक ही दिशा में नजर रखते हैं।
-30 कैमरे तीन से चार फीट की ऊंचाई पर लगे हैं, जो वाहनों के नंबरों पर नजर रखते हैं।
यह है अड़चन
ताजगंज प्रोजेक्ट के तहत ये सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे। प्रोजेक्ट में एन्युअल मेंटीनेंस कास्ट (एएमसी) का प्रविधान नहीं रखा गया, इसलिए इनको सही कराने को प्रोजेक्ट में फंड नहीं है। अन्य मदों से इनको सही कराया जा सकता है, मगर अभी तक इस पर गंभीर प्रयास नहीं हुए।