- जिले में कोरोना संक्रमित होने वालों की संख्या 25731, सक्रिय केस 233

आगरा : कोरोना संक्रमित तीन और मरीजों की बुधवार को मौत हो गई। वहीं, 15 नए केस सामने आए हैं। जिले में कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 25731 पहुंच गई। अब 233 सक्रिय केस हैं। सप्ताहिक बंदी से कोरोना के नए केस कम हुए हैं। बाहर से आ रहे लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। ऐसे में 15 नए केस सामने आए हैं। वहीं, कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत कम नहीं हो रही हैं। तीन और मरीजों की मौत हुई है। अभी तक 435 मरीजों की मौत हो चुकी है।

19 मरीज हुए ठीक, 6444 के लिए गए सैंपल

कोरोना संक्रमित 19 मरीजों को ठीक होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। अभी तक 25063 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं, 6444 संदिग्धों के सैंपल लिए गए हैं।

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दूसरी बार कोरोना संक्रमित, आधे चेहरे और दिमाग से निकाला ब्लैक फंगस

- एसएन में चार विभागों की टीम ने पांच घंटे में किया ऑपरेशन

- जान बचाने के लिए आंख, कान, नाक, गाल और जबडे़ की हड्डी निकाली

आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का मरीज 30 दिन में दो बार कोरोना संक्रमित हो गया। दिमाग तक ब्लैक फंगस फैल जाने पर बुधवार को चार विभागों के डॉक्टर्स ने मेजर सर्जरी की। करीब पांच घंटे चली सर्जरी में मरीज की जान बचाने के लिए आंख, कान, नाक, गाल और जबडे़ की हड्डी निकालनी पड़ी।

संक्रमण दिमाग तक फैला

अछनेरा निवासी नेकराम (40) अप्रैल में कोरोना संक्रमित हुए थे। निजी हास्पिटल में इलाज चला, रिपोर्ट निगेटिव आने पर घर चले गए। उनके ब्लैक फंगस नाक और आंख में फैल गई। निजी अस्पताल में इलाज के बाद मई में एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। यहां कोरोना की जांच कराई गई, रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 30 दिन में दो बार कोरोना संक्रमित होने से डॉक्टर भी हैरान हैं। वहीं, प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से ब्लैक फंगस का संक्रमण दिमाग तक फैल गया। डॉक्टर्स की टीम ने तीमारदारों से ऑपरेशन कर ब्लैक फंगस वाले हिस्से को निकालने के लिए कहा, उन्होंने इंकार कर दिया। इससे संक्रमण और फैल गया। तीमारदार की काउंसि¨लग की गई, मरीज की जान बचाने के लिए वे ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए। सुबह 10:30 बजे ईएनटी सर्जन डॉ। अखिल प्रताप सिंह, नेत्र रोग विभाग के डॉ। तिरुपति, डॉ। अनुज जैन, न्यूरोसर्जन डॉ। मयंक अग्रवाल, डॉ। गौरव धाकरे और एनेस्थीसिया के डॉ। स्नेहिल गुप्ता ने ऑपरेशन शुरू किया। दिमाग में फैले ब्लैक फंगस को निकाला गया। इसके बाद आंख, कान, नाक और जबडे़ की हड्डी निकालने के साथ बायीं तरह के आधे चेहरे को निकाल दिया गया। प्राचार्य डॉ। संजय काला ने बताया कि मरीज की जान बचाने के लिए मेजर ऑपरेशन किया गया। इससे पहले 14 दिन के बच्चे का ऑपरेशन किया गया था। अब 64 मरीज भर्ती हैं। मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टर्स की टीम लगी हुई है।

एक मरीज में दुर्लभ फंगस मिली

एसएन में एक सप्ताह पहले मरीज का ऑपरेशन कर ब्लैक फंगस(म्यूकरमाइकोसिस) निकाली गई थी। उस हिस्से को कल्चर के लिए भेजा गया। इसमें ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) ग्रुप का दुर्लभ कु¨नघमेला फंगस मिला है।