-कैदियों को जेल हाई सिक्योरिटी सेल में रखने की हुई व्यवस्था

-एक साथ रहकर भी नहीं होगी बात-चीत बंदी रक्षकों से भी दूरी

आगरा। जम्मू-कश्मीर की जेल से लाए गए 30 बंदियों को गुरुवार को आगरा सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया। इन कैदियों को जम्मू-कश्मीर से हवाई मार्ग से खेरिया हवाई अड्डे तक, इसके बाद हाई सिक्योरिटी में सड़क मार्ग से सेंट्रल जेल तक लाया गया। सुरक्षा इतनी पुख्ता थी कि ट्रैफिक तक रोक दिया गया। जेल में भी ये बंदी हाई सिक्योरिटी सेल में रखे जाएंगे। वह आपस में बातचीत नहीं कर सकेंगे। उन्हें सेल से कुछ ही मिनट के लिए ही बाहर निकाला जाएगा।

हाई सिक्योरिटी सेल में 30 की व्यवस्था

सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में 30 बंदियों को रखने की ही क्षमता है। जम्मू-कश्मीर से शिफ्ट किए गए बंदियों को जिन सेल में रखा गया है। वहां पर प¨रदा भी पर नहीं मार सकेगा। हाई सिक्योरिटी सेल तक बंदी रक्षक भी अकेले नही जा सकेंगे। वह किसी अधिकारी की उपस्थिति में ही सेल तक जाएंगे।

सेल से निकालने का होगा रिकॉर्ड

हाई सिक्योरिटी सेल के अहाते में एक साथ 15 बंदियों को रखा जा सकता है। सुरक्षा की दृष्टि से इन बंदियों को सेल से एक साथ बाहर नहीं निकाला जाएगा। कड़ी सुरक्षा के बीच अहाते में घूमने के लिए उन्हें बारी-बारी से निकाला जाएगा। इससे वह एक दूसरे से बात नहीं कर सकें। प्रत्येक बंदियों को अहाते में एक निश्चित समय के लिए ही टहलने को निकाला जाएगा। उन्हें कब सेल से निकाला और अंदर किया, रोज इसका रिकार्ड रखा जाएगा।

दीवारों से नहीं पहुंच सकती आवाज

हाई सिक्योरिटी सेल को इस तरह से डिजायन किया गया है कि उनकी दीवारें एक दूसरे से मिली होने के बाद भी बंदियों की आवाज एक दूसरे तक नहीं पहुंच सके। केंद्रीय कारागार में हाई सिक्योरिटी सेल 21 साल पहले बनी थी। इसे तीनों केंद्रीय कारागार के तीनों सर्किल से दूर बनाया गया है। जिससे उसमें निरुद्ध बंदी को जेल परिसर में बंदियों की गतिविधियों के बारे में पता नहीं लग सके।

सुरक्षा को किया और बेहतर

जम्मू कश्मीर से बंदियों को शिफ्ट करने के बाद जेल की चहारदीवारी के बाहर की सुरक्षा व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है। आसपास लगी तारों की बाड़ को सही कराया गया। इसके अलावा चहारदीवारी के बाहर झाडि़यां उग आई थीं। उन्हें भी साफ कराया गया।

आस-पास संदिग्धों पर पैनी नजर

केंद्रीय कारागार के बाहर डेरा डाले पीएसी जवानों को भी अलर्ट कर दिया गया है। पीएसी की गारद बढ़ाई गई है। जवानों को किसी भी संदिग्धों को परिसर के आसपास नहीं फटकने देने के निर्देश हैं।

बैरियर बढ़ाई कड़ी सुरक्षा

कैलाशपुरी से केंद्रीय कारागार की ओर आने पर पहला बैरियर पड़ता है। यहां पर बंदी रक्षक तैनात रहता है। अब तक स्टाफ के वाहन भी बेरोक-टोक निकलते थे। जम्मू-कश्मीर के बंदियों को शिफ्ट करने के बाद वाहनों को पहले बैरियर पर ही रोक दिया जाएगा। स्टाफ के वाहनों को भी सघन चेकिंग के बाद ही कारागार की ओर आने दिया जाएगा।