आगरा। (ब्यूरो) । कुलपति प्रो। आशुरानी ने कहा कि भारत और रूस के बीच हमेशा से ही बेहतर संबंध रहे हैं और इस समझौता ज्ञापन के जरिए से हमारे पारस्परिक संबंधों को और भी ऊर्जा प्राप्त होगी। इस तरह के समझौते से दोनों देशों को एक दूसरे की संस्कृति, परंपराएं एवं एकैडमिक क्षेत्र में नॉलेज को समझने में हेल्प मिल सकेगी।

दूतावासों में रोजगार के अवसर
मास्को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस यूनिवर्सिटी, रशिया के वाइस रेक्टर के प्रति कुलपति ईगर पुतनीसेव ने कहा कि हमारी यूनिवर्सिटी में अनेेक स्टूडेंट््स हिंदी, उर्दू, बांग्ला समेत कई भारतीय भाषाएं सीखते हैं और यह भाषाएं सीख कर वह स्टूडेंट्स अलग-अलग दूतावासों में रोजगार भी प्राप्त कर सकते हैं।

पूर्व पीएम को दी डी। लिट की उपाधि
रशिया के प्रति कुलपति ने बताया कि रूस के विदेश मंत्री भी मास्को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स रहे हैं। उनकी यूनिवर्सिटी मेें हिंदी शिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था और अवसर हैं, जिसकी वजह से उस यूनिवर्सिटी में हिंदी सीखने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। भारत में डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के साथ उनकी यूनिवर्सिटी ने पहला हस्ताक्षर किया है। उन्होंने विशेष रूप से यह भी बताया कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह को उनकी यूनिवर्सिटी द्वारा डी लिट की मानद उपाधि प्रदान की गई है।

समझौते के प्रमुख प्वाइंट
-संयुक्त अकादमिक गतिविधियां तथा विविध आयोजन
-दोनों यूनिवर्सिटी के बीच स्टूडेंट्स का आदान-प्रदान
-रशिया को हिंदी, भारत के स्टूडेंट्स को मिलेगी रूसी भाषा सीखने का अवसर
-स्टूडेंट्स को आवास की सुविधा, नहीं ली जाएगी ट्यूशन फीस।
-आपस में टीचर्स का रहेगा आदान-प्रदान
-संयुक्त शोध परियोजनाओं का परिचालन होगा।
-सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी इसमें शामिल है।

दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर
समझौता ज्ञापन पर मास्को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस यूनिवर्सिटी, रशिया के वाइस रेक्टर ईगर पुतनीसेव, भाषा संकाय की अध्यक्ष नतालिया चेज़, डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ। आशुरानी, कुलसचिव डॉ। राजीव कुमार, केएमआई हिंदी, भाषाविज्ञान विद्यापीठ के निदेशक प्रो। प्रदीप श्रीधर द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो। अजय तनेजा, कार्यक्रम समंवयक डॉ। प्रदीप कुमार, डॉ। आदित्य प्रकाश, रशियन भाषा के शिक्षक अनुज गर्ग, डॉ। संदीप और अंगद उपस्थित रहे।


यूनिवर्सिटी की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और मार्गदर्शन से यूनिवर्सिटी इस प्रकार के समझौता लगातार कर रही है, साथ शैक्षिकस्तर को और बेहतर करने का प्रयास है।
डॉ। आशुरानी, कुलपति