गंगाजल वितरण योजना:

2019 में स्वीकृति हुई डीपीआर

2020 में भी शुरू नहीं हो सका काम

आगरा। शहर में गंगाजल आए हुए काफी समय हो गया है लेकिन अभी भी करीब 90 हजार लोग गंगाजल का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि जल निगम की ओर से गंगाजल आने के बाद शहर के उन स्थानों का सर्वे कराया गया, जहां पाइपलाइन नहीं थीं। अगर थीं तो वहबहुत जर्जर अवस्था में थी। ऐसे स्थानों के लिए दो चरणों में काम करने के 180 करोड़ की दो डीपीआर तैयार की गई। इसे फरवरी 2019 में स्वीकृति मिल गई, लेकिन टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इस साल फरवरी 2020 में टेडरिंग प्रक्रिया पूरी हुई तो मार्च से लॉकडाउन शुरू हो गया। ऐसे में गंगाजल वितरण का काम रुक गया।

अभी तक ये हैं स्थिति

अभी तक शहर के 100 वार्डो में से 18 वार्ड पाइपलाइन से फुल कवर्ड हैं, 55 वार्ड ऐसे हैं जो आंशिक रुप से कवर्ड है, जबकि 27 वार्ड नॉन कवर्ड है। इनमें पाइपलाइन नहीं है।

-गंगाजल वितरण के लिए 13.65 करोड़ की लागत से 27363 पेयजल के लिए घर-घर कनेक्शन किए जाने थे। ये काम तीन चरणों मे पूरा करना था। अभी पूरा नहीं हो सका है। फेज-1 में 11.66 करोड़ धनराशि स्वीकृत की गई थी। इसके सापेक्ष 21250 कनेक्शन ही किए जा सके हैं।

- योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में 122.00 करोड़ के सापेक्ष पेयजल आपूíत योजना के तहत कार्य किया जाना था।

सिकंदरा वाटर व‌र्क्स से आपूíत

नरीपुरा जोन: नरीपुरा, अजीत नगर, बारह खंबा, मुस्तफा क्वार्टर, सोहल्ला आदि क्षेत्र में पेयजल वितरण के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है।

लोहामंडी जोन: लोहामंडी के राजनगर, अशोक नगर, कंस गेट, अहीर पाड़ा घास की मंडी में गंगाजल वितरण के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है।

जीवनी मंडी वाटर व‌र्क्स से आपूíत

उखर्रा क्षेत्र: जीवनी मंडी क्षेत्र से छोटा उखर्रा, बड़ा उखर्रा, बीच का उखर्रा, हिमाचल कॉलोनी, तख्त पहलवान, सराय मलूक चंद समेत दर्जन भर क्षेत्रों में पाइप्ड पेयजल आपूíत हेतु कोई इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है। ये पेयजलविहीन क्षेत्र हैं।

अभी हमारे एरिया में पाइपलाइन नहीं है। पानी के लिए बहुत दिक्कत होती है। टैंकर या सबमíसबल के माध्यम से व्यवस्था करते हैं। सबमíसबल के लिए भी बहुत पैसा चाहिए। इतना पैसा हर किसी के पास नहीं है। उसका भी पानी कड़वा है। ऐसे में जल्द से जल्द पाइपलाइन बिछ जाए तो अच्छा है।

पुन्नालाल

पता नहीं कब बिछेगी लाइन। गंगाजल तो कबका आ गया, लेकिन हमें तो मिला नहीं है। हमारे एरिया में सीवर की लाइन बिछाई गई है। उसे भी खोद कर छोड़ गए हैं। लाइन बिछ जाए तो पानी की समस्या दूर हो जाए।

महेन्द्र सिंह

दो योजनाएं थीं। उन पर काम शुरू हुआ है। लॉकडाउन के कारण बंद रहा। इसको प्रोजेक्ट मैनेजर ही देख रहे हैं। 2022 में काम पूरा किया जाना है।

आरके गर्ग चीफ इंजीनियर जल निगम