- कोरोना से रिकवर होने के बाद भी रखें अपना ध्यान
- पोस्ट कोविड सिचुएशन में परेशानी से बच सकेंगे
आगरा। कोरोनावायरस का संक्रमण दूसरी लहर में ज्यादा घातक साबित हुआ है। ये मरीजों के फेंफड़ों को तेजी से संक्रमित कर रहा है। ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में रहकर अब भी स्वस्थ हो रहे हैं। लेकिन कोविड जाने के बाद भी मरीजों को परेशान कर रहा है। कोविड से ठीक होने के बाद मरीजों में कई और आफ्टर इफेक्ट्स सामने आ सकते हैं। इसको लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने एक्सपर्ट्स से बात की, जिसमें एकराय होकर सभी ने कहा कि कोविड से ठीक होने के बाद जल्दबाजी न करें और कुछ हफ्तों तक विशेष सावधानी बरतें।
फिजिशियन के रहें टच में
सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड के प्रभारी डॉ। प्रशांत गुप्ता ने बताया कि इस बार कोरोना पोस्ट कोविड इफेक्ट काफी गंभीर छोड़ रहा है। इसलिए डिस्चार्ज होने के एक महीने तक अलर्ट रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि घर पर रहते वक्त भी फिजिशियन के संपर्क में लगातार रहने की जरूरत है। कोई भी लक्षण हो तो फिजिशियन को बताएं, फिजिशियन जो टेस्ट कहें उन्हें कराएं और दवाएं भी खाएं। शुगर के मरीज अपनी डायबिटीज लगातार मॉनिटर करें।
लंग्स की एक्सरसाइज करें
रिकवर होने के बाद भी कोरोना मरीज का पीछा नहीं छोड़ रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर प्रभात अग्रवाल बताते हैं कि कोरोना का संक्रमण सीधा लंग्स पर इफेक्ट कर रहा है। इसलिए कोरोना से रिकवर हो भी गए हैं, तो भी अपना ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि कोरोना फेंफड़ों में फायब्रोसिस छोड़ जाता है। इन्हें पूरी तरह ठीक होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। इसके लिए मरीजो को एक्सरसाइज करनी होगी। इसके लिए घर पर रहकर ही अनुलोम-विलोम, कपालभाति, गुब्बारे फुलाना जैसी एक्सरसाइज ठीक होने के पहले से तीसरे सप्ताह तक करनी चाहिए।
दो सप्ताह तक न निकलें घर से बाहर
डॉ। प्रभात ने बताया कि कोविड से ठीक होने के बाद भी घर पर रहें, स्वस्थ आहार लें और रोजाना योग व व्यायाम करें। आमतौर पर बीमारी के कारण लंबे समय तक बेड पर रहने की वजह से लोग बोर हो जाते हैं। वे जल्दी से जल्दी अपने काम पर लौटना चाहते हैं और पहले की तरह ही अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं। लेकिन, ऐसा करने के लिए आप आराम को लेकर किसी तरह की लापरवाही ना करें। ठीक होने के बाद भी बॉडी कमजोर होती है, ऐसे में बाहर से कोई भी इंफेक्शन लगने का खतरा रहता है।
मास्क को बनाएं अपना साथी
डॉ। अग्रवाल ने बताया कि कोरोनावायरस से स्वस्थ होने के बाद भी मास्क पहनकर रखें। किसी के संपर्क में आने से पहले मास्क अवश्य पहनें। इस वक्त बॉडी की इम्युनिटी कमजोर होती है। ऐसे में कोई अन्य इंफेक्शन लगने का भी खतरा रहता है। कोई अन्य बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। निमोनिया इत्यादि होने पर परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। इसलिए स्वस्थ होने के बाद भी मास्क पहनकर रखें।
सप्ताह दर सप्ताह ऐसे करें देखभाल
पहला सप्ताह
-फेंफड़ों संबंधी एक्सरसाइज करें,
-लक्षणों पर ध्यान दें
-दवाएं समय से खाएं
-ऑक्सीजन का स्तर सुबह-शाम चेक करें
-शुगर व बीपी डेली चेक करें
-फिजिशियन के संपर्क में रहें
दूसरा सप्ताह
- फेंफड़ों की एक्सरसाइज के साथ, घर पर वॉक करना शुरू करें
- फिजिशियन से कंसल्ट करें
- कोई भी परेशानी हो तो डॉक्टर को बताएं
- डॉक्टर द्वारा बताए गए टेस्ट कराएं
- ऑक्सीजन का स्तर चेक करते रहें
- शुगर व बीपी भी चेक करते रहें
तीसरा सप्ताह
-डेली 20-30 मिनट वॉक करें व सीढि़यां भी चढ़ने की कोशिश करें
-वीकनेस में पहले से सुधार हुआ हो तो घर पर रोजमर्रा के छोटे-मोटे काम कर सकते हैं
-रिपोर्ट्स सही आने पर डॉक्टर की सलाह लें
-ओरल हाईजीन का ध्यान रखें
-शुगर व बीपी का स्तर चेक करते रहें
चौथा सप्ताह
-यदि आप ठीक महसूस कर रहे हैं और कमजोरी फील नहीं कर रहे हैं तो अपने हिसाब से एक्सरसाइज बढ़ा सकते हैं
-यदि घर से बाहर जाना हो तो मास्क पहनकर बाहर जाएं
-ज्यादा देर के लिए घर से बाहर न जाएं
-एक बार फिर से डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने चेक-अप कराएं
कोविड का नया स्ट्रेन पोस्ट कोविड भी काफी गंभीर प्रभाव छोड़ रहा है। इसलिए ठीक होने के चार सप्ताह तक भी मरीज को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। मरीज लगातार फिजिशियन के संपर्क में रहें और जरूरी टेस्ट कराते रहें।
-डॉ। प्रशांत गुप्ता, नोडल कोविड हॉस्पिटल, एसएनएमसी
कोविड से स्वस्थ होने के बाद भी मरीज अपना विशेष ध्यान रखें। आराम को लेकर लापरवाही न करें। दो सप्ताह तक प्रॉपर रेस्ट करें। लंग्स संबधी एक्सरसाइज करें। शुगर और बीपी के मरीज लगातार मॉनिटरिंग करें। कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
-डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग,एसएनएमसी
कोरोना से रिकवर होने के बाद भी सतर्क रहने की जरूरत है। पोस्ट कोविड में 5 से 7 वीक में विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। इस पीरियड में एक बार अपने फैमिली फिजिशियन से कंसल्ट कर लें। जिससे जरूरी जांचें हो सकें। जिससे अगर कोविड का कोई कॉम्पलिकेशन है, तो वो समय रहते डायग्नोज हो सके। उनका ट्रीटमेंट शुरू हो सके।
डॉ। प्रवेग गोयल, सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट