- 15 दिन और सावधान रहें डेंगू से
- इस मौसम में सबसे ज्यादा डेंगू होने का खतरा
ये हैं डेंगू से निपटने की व्यवस्थाएं
01 सेंट्रल लैब है एसएन मेडिकल कॉलेज में डेंगू जांच के लिए
01 लैब है जिला अस्पताल में डेंगू जांच के लिये
60 डीबीसी की टीम शहर में कर रही हैं डेंगू की रोकथाम के लिये घर-घर जांच
10 बेड का डेंगू वार्ड है जिला अस्पताल में
07 डेंगू के पेशेंट्स मिले हैं इस साल
144 डेंगू के पेशेंट्स मिले थे पिछले साल
00 डेथ हुई है डेंगू से इस साल
आगरा। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव में हेल्थ डिपार्टमेंट प्रॉयरिटी के साथ लगा हुआ है। लेकिन इस बदलते मौसम में डेंगू के पनपने का भी खतरा रहता है। लेकिन इस बार डेंगू के केवल सात पेशेंट्स ही मिले हैं, जबकि लास्ट ईयर 144 पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि हुई थी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोविड-19 के कारण बरती गई सावधानियों के कारण इस बार डेंगू के पेशेंट्स कम मिले हैं। लेकिन, हेल्थ डिपार्टमेंट डेंगू से निपटने के लिए भी तैयार है।
डेंगू से निपटने के लिए है व्यवस्था
हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से डेंगू के लिए डीबीसी की 60 टीम फील्ड में काम कर रही हैं। जो घर-घर जाकर जांच कर रही हैं कि किसी के घर में पानी भरा हुआ तो नहीं रखा हुआ है। जिला मलेरिया अधिकारी आरके दीक्षित बताते हैं कि डेंगू का मच्छर कूलर इत्यादि में भरे हुए पानी से पनपता है। इसके लिये हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से डीबीसी की टीम लगी हुई है और लगातार विशेष संचारी रोग अभियान के जरिये लोगों को भी जागरुक किया जा रहा है।
यह है इलाज की व्यवस्था
डेंगू की जांच के लिये जिला अस्पताल और सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज में लैब स्थापित हैं। यहां पर डेंगू के सिंपटम्स होने पर पेशेंट्स को जांच के लिये भेजा जाता है। एसएन मेडिकल कॉलेज में डेंगू के जांच के लिये मंडल की सेंट्रल लैब भी मौजूद है। इसके साथ ही जिला अस्पताल में 10 बेड का डेंगू वार्ड भी अलग से बना रखा है। इसमें डेंगू के पेशेंट का इलाज किया जाता है।
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अपने आस-पास मच्छरों को न पनपने दें
दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएं
मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें
अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इकट्ठा न होने दें
पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रख दें
हल्के रंग के और पूरी बाह वाली कमीज और पैंट पहनें
घर और कार्य स्थल के आस-पास पानी जमा न होने दें
कूलर, गमले आदि को सप्ताह में एक बार खाली कर सुखाएं
गड्ढों में जहां पानी इकट्ठा हो, उसे मिट्टी से भर दें
संक्रामक रोगों से बचाव के अन्य उपाय
नालियों में जलभराव रोकें तथा नियमित सफाई करें
जानवर बाड़े घर से दूर रखें
जंगली झाडि़यों को नियमित साफ करें
पीने के लिए इंडिया मार्का-2 के पानी का ही प्रयोग करें
खाने से पहले साबुन से हाथ धोएं
खुलें में शौच न करें, शौचालय का प्रयोग करें
कुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखें
बच्चों को जेई के दोनों टीके लगवाएं
बुखार होने पर क्या करें
- बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं
- सामान्य पानी की पट्टी सिर, हाथ-पांव एवं पेट पर रखें
- बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थो जैसे नारियल पानी, शिकंजी, ताजे फलों का रस इत्यादि का अधिक सेवन करें
मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये जनपद में रहने वाले सभी नागरिकों का यह कर्तव्य बनता है कि सभी लोग अपने घरों के अंदर व आसपास सफाई रखें, पानी का जमाव न होने दें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से भी इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। डेंगू से निपटने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट के पास पर्याप्त इंतजाम हैं।
- आरके दीक्षित, जिला मलेरिया अधिकारी
मादा एनोफेलीज और मादा एडीज के काटने से होती हैं डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां
मादा एनोफेलीज कूलिसिफासीस मलेरिया का प्रमुख रोग वाहक है, जो कि आमतौर पर मनुष्यों के साथ-साथ मवेशियों को भी काटता है। एनोफेलीज मच्छर सबसे ज्यादा शाम और सुबह के बीच काटता है। मादा एडीज एजिप्ट मनुष्य में डेंगू, चिकनगुनिया और पीला बुखार संचारित करती है। मादा एडीज सबसे अधिक दिन के समय काटती है तथा काटने का चरम समय संध्या से पहले शाम या सुबह के दौरान होता है।
बीते कुछ वर्ष में मिले डेंगू के पेशेंट्स
2015 219
2016 329
2017 64
2018 190
2019 144
2020 07