-वर्ष 2017 में ग्वालियर हाईवे से हुआ था दंत चिकित्सक का अपहरण

-परिजन ने चंबल के बीहड़ में बदमाशों को दी थी फिरौती

आगरा: शहर के वरिष्ठ चिकित्सक उमाकांत गुप्ता के अपहरण के पीछे धौलपुर के किसी गैंग का हाथ होने की आशंका है। बीहड़ में सक्रिय ऐसे गैंग विगत में भी डाक्टरों का अपहरण और अपहरण का प्रयास करते रहे हैं।

मोटी फिरौती वसूली थी

वर्ष 2017 में धौलपुर के ही एक गैंग ने सदर क्षेत्र में ग्वालियर रोड से दंत चिकित्सक का अपहरण कर लिया था। डॉक्टर बाद में मुक्त होकर आ गए थे। बाद में पकड़े गए गैंग के गुर्गो ने पूछताछ में कबूला था कि डॉक्टर को छोड़ने के लिए मोटी फिरौती वसूली थी। वर्ष 2005 में हरीपर्वत क्षेत्र में चर्च रोड स्थित क्लीनिक से डॉ। जीजी धीर का अपहरण किया था। उस समय बदमाश उन्हें राजस्थान की तरफ लेकर जा रहे थे। वर्तमान में एडीजी जोन राजीव कृष्ण उस समय एसएसपी आगरा थे। डॉ। धीर को चंद घंटे बाद ही सैंया तेहरा पर मुक्त करा लिया गया था। एक बदमाश पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।

सॉफ्ट टारगेट पर रहे डॉक्टर

डेढ़ दशक पहले शहर के चिकित्सकों को बदमाशों ने साफ्ट टारगेट बना लिया था। एक के बाद एक अपहरण की कई घटनाएं हुई थीं। पिछले कुछ वर्षों में पुलिस ने बीहड़ के गैंगों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इसके बाद यहां से बदमाशों ने ठिकाना बदल लिया। कुछ वर्षों से फिर धौलपुर के बीहड़ में बदमाश सक्रिय हैं।

धौलपुर के गैंग द्वारा की गईं वारदातें

-तीन फरवरी 2020 को भगवान टॉकीज के पास से फीरोजाबाद के अधिवक्ता अकरम अंसारी का अपहरण हुआ। पचास लाख की फिरौती मांगी। 14 दिन बाद अकरम मुक्त हुए। कई बदमाश पकड़े गए। परिजन ने दस लाख रुपए कर्जा लेकर फिरौती दी। फिरौती की रकम बरामद हुई मगर अभी तक रिलीज नहीं हुई है।

-मई 2019 में इरादतनगर से पिता-पुत्र का अपहरण हुआ। जमीन और ट्रैक्टर बेचकर फिरौती दी। कई दिन बाद दोनों मुक्त हुए।

-शास्त्रीपुरम से मथुरा निवासी सीएफटीआई के कर्मचारी का अपहरण किया गया। परिजन ने फिरौती देकर मुक्त कराया।