आगरा(ब्यूरो)। ऐतिहासिक शहर की इस धरोहर को संजोने के लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा ईको-फ्रे डली जीआरसी जालियों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही यूपी मेट्रो द्वारा आगरा मेट्रो प्रायॉरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड भाग के मीडियन में भी जीआरसी जाली का प्रयोग किया गया है।

अधिक टिकाऊ होती है जालियां
जीआरसी (ग्लास रीन्फोर्सड कॉन्क्रीट) वाइट सीमेंट, ग्लास फाइबर आदि पादार्थों के मिश्रण से बना एक ईको-फ्रेडली मेटेरियल है। जिसे आसानी से री-साइकिल किया जा सकता है। इसके साथ ही इन जालियों के निर्माण के दौरान वातावरण को भी नुकसान नहीं होता है। पारंपरिक तौर पर प्रयोग की जाने वाली जालियों की तुलना में जीआरसी निर्मित जालियां अधिक टिकाऊ होती हैं।

मनमोहक पेंटिंग्स भी बनाईं गईं
मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड भाग में सिविल निर्माण कार्य पूरा होने के बाद फिनिशिंग कार्य आखिरी दौर में है। इसके साथ ही तीनों ऐलिवेटिड स्टेशनों पर मनमोहक पेंटिंग्स के जरिए ब्रज क्षेत्र की संस्कृति को दर्शाया गया है। फिलहाल, सभी ऐलिवेटिड मेट्रो स्टेशनों पर ट्रैक, ट्रैक्शन, सिग्नलिंग आदि सिस्टमों का काम तेज गति के साथ जारी है।

दूसरी टीबीएम भी जल्द होगी शुरू
शहर में मेट्रो का कार्य काफी तेजी के साथ चल रहा है। प्रायोरिटी कॉरिडोर के एलिवेटिड सेक्शन में सिविल वर्क कंप्लीट हो चुका है। अब अंडरग्राउंड सेक्शन का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। आगरा किला से लॉन्च की गई टीबीएम यमुना ने खोदाई शुरू कर दी है। अब तक 50 मीटर से अधिक टनल का निर्माण हो चुका है। 100 मीटर पहली टीबीएम के चलने के बाद दूसरी टीबीएम गंगा को शुरू किया जाएगा। दोनों टीबीएम के बीच में 100 मीटर की दूरी रहेगी।