आगरा। हाल ही में स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में देश में 16वां और प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाला आगरा नगर निगम शहर को कचरा मुक्त बनाने में शून्य रहा है। इस बार गार्बेज फ्री सिटी की रैंक में से शून्य स्टार रेटिंग मिली है, जबकि बीते साल शहर को टू स्टार रेटिंग मिली थी।

पिछड़ रहा नगर निगम

नगर निगम शहर को कचरा मुक्त बनाने में पिछड़ रहा है। गार्बेज फ्री सिटी बनाने की कवायद तो लम्बे समय से चल रही है, लेकिन ये कवायद कागजों से धरातल पर नहीं उतर पा रही है। यही कारण है कि मौजूदा समय में सड़कों पर रखे डस्टबिन के बाहर कचरा फैला रहता है। डलाबघरों के अलावा ट्रांसफर स्टेशनों पर कचरा फैला रहता है।

रेटिंग के लिए नहीं किया गया दावा

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए नगर निगम द्वारा फ्री गार्बेज सिटी बनाने के लिए स्टार रेटिंग का दावा नहीं किया जा सका है। बता दें स्वच्छता सर्वेक्षण प्रक्रिया के तहत स्वच्छता निदेशालय द्वारा गार्बेज फ्री शहर की श्रेणी के हिसाब से प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं। इसमें जिन शहरों में गार्बेज निस्तारण की उचित व्यवस्था होती है, शहर गार्बेज मुक्त होता है, डलाबघर की उचित व्यवस्था होने पर उन्हें स्टार रेटिंग दी जाती है। वर्ष 2019 में इसके तहत एक से सात तक स्टार रेटिंग देने की व्यवस्था थी। उस दौरान नगर निगम द्वारा चार स्टार के लिए दावा किया गया था। इसके बाद नगर निगम को दो स्टार रेटिंग मिली थी। वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नगर निगम की ओर से थ्री स्टार का दावा किया गया था, लेकिन इस बार शून्य स्टार रेटिंग मिली।

नहीं उठाया जा रहा कूड़ा

बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में शहर में सर्वे करने को आयी टीम को जगह-जगह कूड़ा पड़ा मिला। यहां तक कि डलाबघरों से भी कूड़ा नहीं उठाया जा सका। अभी ठीक से सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं आयी है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन भी नहीं हो पा रहा है। 100 से ज्यादा वाहन खराब होने से भी कूड़ा उठान प्रभावित हो रहा है। अभी पिछले दिनों नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे को औचक निरीक्षण में जगह-जगह कूड़ा बिखरा मिला था। इस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की थी।

ऐसा नहीं है कि नियमित कूड़ा उठान नहीं हो रहा है। इसके लिए जोनल और सेनेटरी इंस्पेक्टर को जिम्मेदारी दी गई है।

केबी सिंह, अपर नगर आयुक्त