जरूरत से अधिक वायर से लगती है आग
शहर में पिछले तीन माह में 16 अलग- अलग घटनाओं में वाहनों में आग लग गई। अक्सर लोग पुरानी गाड़ी का माइलेज बढ़ाने के लिए सस्ते और अनऑथराइज डीलर से सीएनजी और एलपीजी किट लगवा रहे हैं। इसके अलावा कार में जरूरत से अधिक एक्सेसरी लगवा रहे हैं या फिर अधिक क्षमता का म्यूजिक सिस्टम लगवा रहे हैं। इससे कार में जरूरत से अधिक वायरिंग हो जाती है और कार की बैटरी पर क्षमता से अधिक लोड बढ़ जाता है। गर्मियों में यही आग लगने का सबसे बड़ा कारण बनता है।

गर्मियों में होती हैं अधिक घटनाएं
- देश भर में गर्मी का सितम बढ़ता जा रहा है गर्मियों के मौसम में वाहनों में आग लगने की घटनाओं में इजाफा हो जाता है। लगभग हर दिन वाहन में आग लगने की घटना देखने को मिल रही है कहीं एक्सीडेंट के बाद वाहन में आग लग रही है तो कहीं चलती गाड़ी में आग लग रही है शहर में पिछले तीन माह में 16 अलग-अलग घटनाओं में वाहनों में आग लग चुकी है।

क्यों लगती है आग
- कार में आग लगने का कारण अधिकतर शार्ट सर्किट होता है। हालांकि नए वाहनों में आग लगने की घटना न के बराबर है पुराने वाहनों में वायरिंग और बैटरी में फाल्ट के कारण आग लग जाती है। इसके अलावा ओवरहीटिंग कम कूलेंट खराब इंजन फैन और ओवरहीटिंग की वजह से कार में आग लग जाती है। अक्सर लोग मामूली कमी को नजऱ अंदाज़ कर देते हैं। इससे गर्मियों में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।

इस वजह से होती है डेथ
- आग लगने की घटना में आधुनिक गाडिय़ों में सेंट्रल लॉक सिस्टम जाम हो जाता है ऐसा इसलिए होता है जैसे ही कार में आग लगती है कार के इलेक्ट्रिक वायर खराब हो जाते हैं या जल जाते हैं। सेंट्रल लॉक सिस्टम जाम हो जाता हुई और कार से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचता इससे कार सवारों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिल पाता और हादसा हो जाता है।

ये हैं आग लगने की वजह
-प्रेम मोटर्स में काम करने वाली बबिता बताती हैं कि जितनी भी नई कारें आ रही हैं उनमें एक्सीडेंट के दौरान आग लग जाये अलग बात है नहीं तो ये गाडिय़ां पूरी तरह कम्पनी द्वारा सर्टीफाई कर के दी जाती हैं इसके अलावा गाडिय़ों में आग लगने के जो कारण है वो हैं

बैटरी पर लोड बढऩे से
कुछ लोगों को म्यूजिक सिस्टम लगवाने का शौक होता है और गाड़ी में क्षमता से ज्यादा पावर का म्यूजिक प्लेयर लगवा लेते हैं। इसके अलावा कई लोग गाड़ी में एक्स्ट्रा लाइट यूज करते हैं। इससे कार की बैटरी और वायरिंग पर लोड़ बढ़ जाता है फिर शॉर्ट सर्किट होते है और गाड़ी में आग लग जाती है।

अनावश्यक एक्सेसरी से
अक्सर लोग पुरानी कार में अनावश्यक और क्षमता से अधिक एक्सेसरी लगा लेते हैं। इनमें इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई करने के लिए कई वायर यूज किए जाते हैं। इन वायर में कई बार कट लगने की वजह से शॉर्ट सर्किट हो जाता है। या कई बार ये वाहन बोनट या बॉडी के संपर्क में आ कर पिघल जाते हैं जो आग लगने की एक बड़ी वजह होती है।

नकली और सस्ती किट बनती हैं आग का कारण
- लोग पुरानी कार खरीदते हैं और फिर माइलेज बढ़ाने के चक्कर में अपनी कार में एलपीजी और सीएनजी किट लगवाते हैं। इनको भी अनाधिकृत डीलर से पैसा बचने के चक्कर में नकली और सस्ती किट अपनी कार में लगवा लेते हैं जो कि बेहद खतरनाक साबित होता है। और कार में आग लगने का सबसे बड़ा कारण बनता है।

इन बातों का रखें खयाल
- गाड़ी की समय से सर्विसिंग करवाते रहें इसके अलावा समय-समय पर गाड़ी की वायरिंग भी चेक करानी चाहिए। एलपीजी गैस से चलने वाली गाडिय़ों की विशेष रूप से सर्विस का ख्याल रखना चाहिए। धूप में गाड़ी खड़ी कर रहे हैं तो गाड़ी के कांच को हल्का सा खोल देना चाहिए। ताकि हवा का सर्कुलेशन बना रहे। गाडिय़ां चलाते समय भी मीटर पर गाडिय़ों के टेंपरेचर को देखा जा सकता है। इसके अलावा कार में परफ्यूम वगैरह नहीं लगाने चाहिए।

इन वजहों से भी लग सकती है गाड़ी में आग
- दूसरे वाहन से टक्कर होने पर कार में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
-इलेक्ट्रिकल फेल्योर या शॉर्ट सर्किट.
-ऑयल या गैस लीक होना.
-पेट्रोल डीजल या सीएनजी कारों में इंजन का ओवरहीट होना
-कार का खराब मेंटीनेंस
-कार में स्मोकिंग मैटेरियल लाइटर सिगरेट आदि का इस्तेमाल
-कार की बैटरी का डैमेज होना
-कार की वायरिंग से छेड़छाड़ या वायरिंग डैमेज होना


- गर्मी के मौसम में गाडिय़ों में आग लगने का मुख्य कारण इंजन की ओवरहीटिंग रहती है। इसको नजऱअंदाज़ न करें इसके अलावा गाड़ी में फायर एग्जवेटर जरूर रखें इससे ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है।
देवेंद्र सिंह, सीएफओ

-लोग अक्सर माइलेज बढ़ाने के लिए पुरानी गाडिय़ों में सीएनजी और एलपीजी किट लगवा लेते हैं, कम्पनी जब फिटिंग करती है तो रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी से करती है बाहर से डीलर सिर्फ दो चार वायर लगा कर फिट कर देते हैं। यही आग का कारण बनता है।
वसीम खान, शोरूम मैनेजर, प्रेम मोटर्स